नासा के एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अब अगले साल फरवरी महीने में स्पेस एक्स के क्रू 9 से धरती पर वापस लौटेंगे। दोनों एस्ट्रोनॉट्स इस साल जून में हफ्तेभर के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए थे, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कत आने की वजह से दोनों वहीं फंसे रह गए। अब नासा दोनों को अगले साल वापस लेकर आएगा। इस मामले के बाद से ही भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स चर्चा में बनी हुई हैं। सुनीता का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि आखिर इंसानों का शरीर अंतरिक्ष के अनुकूल कैसे ढल जाता है। यह इंटरव्यू तब का है, जब वह भारत आई थीं। इसमें उन्होंने बताया था कि नाखून और बाल तेजी से बढ़ जाते हैं।
एनसीईआरटी वेबसाइट पर उपलब्ध इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने कहा था कि अंतरिक्ष में रहने पर व्यक्ति की लंबाई बढ़ जाती है। उन्होंने कहा था, ”आपके पैरों के कॉलस गायब हो जाते हैं क्योंकि आप चलते नहीं हैं और नाखून व बाल तेजी से बढ़ते हैं। गुरुत्वाकर्षण के बिना, आपके चेहरे से झुर्रियां भी हटने लगती हैं। इसके अलावा आपकी रीढ़ भी फैलती है क्योंकि आपके कशेरुकाओं के बीच कोई दबाव नहीं होता है, जिससे आप अंतरिक्ष में थोड़े लंबे हो जाते हैं।”
सुनीता विलियम्स ने आगे कहा था कि धरती पर वापस लौटने के बाद यह बदलाव उलट जाते हैं। आप गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकते। आप अपनी सामान्य ऊंचाई पर वापस आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों की पीठ में थोड़ा दर्द हो सकता है। हमें वास्तव में अपनी हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों के द्रव्यमान के बारे में चिंता करने की जरूरत है क्योंकि जब आप अंतरिक्ष में होते हैं तो आपकी हड्डियां कम होने लगती हैं। इसलिए अनिवार्य रूप से मॉडर्न ऑस्टियोपोरोसिस शुरू हो जाता है।
पांच जून को अपने पहले मानवयुक्त मिशन के लिए लॉन्च किया गया स्टारलाइनर 6 जून को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक जुड़ गया था। मूल रूप से लगभग हफ्तेभर तक चलने वाला यह मिशन, कैप्सूल के थ्रस्टर सिस्टम में किसी समस्या के कारण कई बार बढ़ाया गया था। स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद नासा ने फैसला किया कि विल्मोर और सुनीता विलियम्स, स्टारलाइनर के बजाय फरवरी 2025 में स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर पृथ्वी पर वापस आएंगे।