सिंदरी खाद कारखाने के ‘ठगे गये’ वीएसएस कर्मचारी मिले MP से,उठाई अपनी समस्याएं:सांसद ने लिखा मंत्री को पत्र

Sindri ( Dhanbad),4 Dec : उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत उर्वरक निगम FCI का सिंदरी खाद कारखाना सन 2002 के दिसंबर में जब बंद हुआ तब उसके कर्मचारियों को वीएसएस के अंतर्गत सेवा से बाहर किया गया. उन्हें सिंदरी परिसर स्थित उनके क्वार्टरों को लीज पर आवंटन, स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने समेत अनेक आश्वासन दिये गये लेकिन ये कर्मचारी उम्र के बीच पड़ाव में नौकरी जाने के बावजूद सरकारी आश्वासनों के धोखा के शिकार हो गये. फिलहाल उन पर घर खाली कराने की तलवार चमकाई जा रही है तो ईपीएफ 95 पेंशन के तहत मात्र 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जा रहा है. इस 1000 रुपये में इस महंगाई के दौर में क्या होगा, इसका आकलन सरकार नहीं लगाती.
ऐसे कर्मचारियों ने स्वास्थ्य, क्वार्टर और अन्य जीवन यापन संबंधी सुविधाओं के लिये लगातार आवाज उठाई है, जो नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई है. आज पुन: इन कर्मचारियों के संगठन ‘सिंदरी फैमिली’ के सदस्य धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और अपनी समस्याएं उठाई. इन पेंशनरों ने पेंशन की राशि बढ़ाने और उन्हें आयुष्मान स्वास्थ्य योजना से फिलहाल जोडऩे की मांग की, ताकि उन्हें इलाज की सुविधा मिल सके। विदित हो ,फर्टिलाइजर का सिंदरी अस्पताल अभी तक चालू नहीं हुआ जिसके लिये धनबाद के उपायुक्त ने सरकार को पत्राचार किया था. फिलहाल सांसद की पहल पर सिंदरी पीएचसी में रोस्टर आधारित सप्ताह में छह दिनों के लिये एक चिकित्सक की व्यवस्था की गई है. इन लोगों ने सातों दिन यहां चिकित्सक उपलब्ध कराने और एक स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञ महिला डॉक्टर नियुक्त करने की मांग की. इस पीएचसी में आस पड़ोस की झुग्गी झोपड़ी की महिलाएं आती हैं और आश्चर्य की बात है कि इनमें अधिकांश प्रसूति महिलाओं का प्रसव नर्सों द्वारा ही करा दिया जाता है. FCI द्वारा कारखाना बंद करने के बाद बीआईएफआर और उच्च न्यायालय की मंशा और उनके निर्देशों के तहत कर्मचारियों को उनके क्वाटर लीज पर या उन्हें बेच देने का आश्वासन दिया गया था. तदनुसार उनके साथ 11 महीने का लीज प्रारुप बनाया गया. अभी ऐसा देखा जा रहा है कि जिन पूर्व कर्मचारियों का देहावसान हो गया, उनके आश्रितों को प्रबंधन क्वार्टर खाली करने का दबाव दे रहा है ,जबकि उनका सेटलमेंट अभी निगम के पास विचाराधीन पड़ा हुआ है. ‘सिंदरी फैमिली’ ने सांसद से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की मांग की. ‘सिंदरी फैमिली’ ने हटिया एलटीटीएच एक्सप्रेस, रांची -पुणे एक्सप्रेस, हटिया-यशवंतपुर एक्सप्रेस, हटिया-एलेप्पी को धनबाद तक बढ़ाने की मांग की ताकि कोयला क्षेत्र के लोग को पुणे, मुंबई जाने की सुविधा मिल सके. सांसद ने ट्रेन के सवाल पर कहा कि कोरोना गाइडलाइन के कारण ट्रेनों का परिचालन फिलहाल सीमित है, सामान्य स्थिति बहाल होने पर इन ट्रेनों का परिचालन धनबाद तक कराने की मांग करेंगे. उर्वरक मंत्रालय से संबंधित पेंशनधारी कर्मचारियों की पेंशन, क्वार्टर से संबंधित मांगों को उन्होंने तत्काल उर्वरक व रसायन मंत्री के पास उठाने का भरोसा दिया और अपनी ओर से पत्र लिखकर भेज दिया. पीएचसी में सातों दिन चौबीस घंटे चिकित्सक के अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ की व्यवस्था के लिये सांसद ने सिविल सर्जन को निर्देश देने का भरोसा दिया. सांसद से मिलने गये सिंदरी फैमिली के प्रतिनिधियों का नेतृत्व अध्यक्ष डीएन सिंह ने किया. उनके साथ डीएन श्रीवास्तव, विजय सिंह, जयंत सिंह, निधि सिन्हा, अनुपम चटर्जी आदि मौजूद थे. सिंदरी शहर भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां के लोगों की केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा इन लोगों को मायूस कर रहा है . सांसद ने अपने स्तर पर हर उपाय करने का भरोसा दिया।

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