स्कूल हास्टल की दीवार फांदकर भागे बच्चे रांची में मिले, corona साइड effect

Dumka,18 Apr: शहर के बेथल मिशन स्कूल के हास्टल की दीवार फांदकर भागे दोनों बच्चे मिल गये हैं। वे स्कूल से भागकर रांची चले गये थे। सोमवार को दुमका चाइल्डलाइन की टीम ने उनको बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया। एक बच्चे का परिवार रानीश्वर और दूसरे का लातेहार का रहनेवाला है, हलांकि दोनों ने दुमका के नकटी और आसपास में घर बना लिया है। समिति द्वारा दोनों बच्चों और उनके अभिभावकों का बयान दर्ज किया गया। बच्चों ने बताया कि 15 अप्रैल को होस्टल की दीवार फांदकर वे स्कूल से भाग गये और इंटरसिटी ट्रेन में सवार होकर रांची चले गये। उनके पास 200 रुपये थे। जब सारे पैसे खत्म हो गये तो उनमें से एक बच्चे ने एक व्यक्ति के मोबाइल से अपनी मां को फोन किया और रांची में रहनेवाले अपने मौसेरे भाई का नंबर मांगा। मौसेरे भाई ने जब फोन नहीं उठाया तो वापस मां को फोन कर इसकी जानकारी दी। मां ने उसके मौसेरे भाई को फोन किया और उसने उस व्यक्ति से बच्चों का लोकेशन लेकर उन्हें खोज निकाला जिसके मोबाइल नंबर से बच्चों ने बात की थी। समिति को दिये अपने बयान में बच्चों ने कहा कि वे पढ़ना तो चाहते हैं पर होस्टल में नहीं रहना चाहते हैं बल्कि घर से स्कूल आना-जाना करने के लिए तैयार हैं। समिति ने दोनों बच्चों को उनके अभिभावाकों को सौंप दिया और उनकी अच्छी तरह से देखभाल करने का निर्देश दिया। समिति की बैठक में अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला शामिल थे। अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस मामले में स्कूल के शिक्षक से भी समिति ने बात की है। शिक्षक का कहना था कि यह घटना कोरोना का साइड इफेक्ट है। कोरोना के कारण दो साल तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों का स्कूल में मन नहीं लग रहा है। यही कारण है कि दोनों बच्चे स्कूल के होस्टल से भाग गये।

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