रांची : झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 के खिलाफ कारोबारियों की चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गयी. ये दो फीसदी शुल्क लगाने का विरोध कर रहे थे. आश्वासन मिलने के बाद इन्होंने हड़ताल स्थगित की है.चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों समेत खाद्यान्न व्यापारियों की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय चौबे और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ हुई. इसकी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही. जहां व्यापारियों के विरोध बिंदुओं पर चर्चा की गयी. सरकार ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि मांग मे सकारात्मक पहल की जायेगी. सरकार बीच का रास्ता निकालेगी. उन्होंने बताया कि मामले में कांग्रेस नेताओं समेत कई विधायकों ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया था. वहीं चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि आगे जो भी निर्णय होगा व्यापारी सरकार को सहयोग करेंगे.
इसके पहले आज झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से आज शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता व राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय, फागु बेसरा एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश
अध्यक्ष राजेश ठाकुर व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष कुमार राजा ने मुलाकात की और झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 को लोकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में 2 प्रतिशत टैक्स के अधिरोपण पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्र सरकार के जीएसटी इत्यादि में वृद्धि जैसी जनविरोधी नीतियों के कारण पूर्व से ही राज्य और देश की जनता महंगाई से त्रस्त है. ऐसी परिस्थिति में जनता के हित में बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में दो प्रतिशत टैक्स के अधिरोपण से जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ने की आशंका है. ऐसे में इस पर पुनर्विचार करते हुए उचित निर्णय लें.