बेटा- भाई समझें, बेहिचक आयें, बताएं, दलालों के चक्कर में न पड़ें- एसएसपी

जमशेदपुर, जमशेदपुर के वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभात कुमार द्वारा कल सोन मंडप सूर्य मंदिर परिसर में एक समारोह में दिये गये वक्तव्य पर आम लोगों में काफी चर्चा है और लोग पुलिस से उसके कार्यो के प्रति एक नई आशा और उम्मीद के साथ उत्साहित हैं। सडक़ पर यातायात नियमन से अधिक ट्रैफिक पुलिस द्वारा फाइन उगाही , सामाजिक और मानवीय पक्ष की अनदेखा कर सिर्फ कानूनी कार्रवाई और नशाखोरी के बढते प्रकोप तथा छद्मवेश धारी कतिपय सफेदपोशों द्वारा युवाओं को दिग्भ्रमित कर अपना उल्लू साधने आदि शहर के ज्वलंत मुद्दों पर वरीय आरक्षी अधीक्षक ने जो बातें बड़ी साफगोई से अपने वक्तव्य में जाहिर कीं उसका श्रोताओं ने तालियों से स्वागत भी किया। एसएसपी ने उदाहरण दिया कि जमशेदपुर शहर में जिस ढंग से नशाखोरी और मादक पदार्थों की लत बढ गई है वह आने वाले दिनों में विकराल रुप लेने जा रही है जिसे अकेले पुलिस नहीं रोक सकती। इसके लिये उन्होंने कहा कि आम लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं और कारोबारियों , उद्यमियों, सबको साथ आना होगा और इस प्रकोप को रोकने के पीछे सभी जरुरी पहलुओं पर खुलकर सहयोग करना होगा। नशाखोरी का कारोबार ड्रग माफिया इसी लिये चला पाते हैं कि उन्हें कमजोर कड़ी के रुप में बस्तियों में बिक्रेता और राह से भटके युवा आसानी से मिल जाते हैं। बस्तियों में ऐसे धंधों में लिप्त लोगों को इस काम को छोडऩे के लिये उन्हें वैकल्पिक रोजगार और युवाओं को हाथ में काम देकर इस प्रकोप को असरदार ढंग से रोका जा सकता है। उन्होंने इन सब बातों पर विस्तार से अपने मन की बात रखते हुए कहा कि युवाओं को कुछ लोग झूठे सपने दिखाकर अपना दल बना लेते हैं और अपना कॉलर ऊंचा करके अपने स्वार्थ की पूर्ति करते हैं। कोई अध्यक्ष बन जाता है तो कोई हिन्दू हृदय सम्राट। इसी दौरान युवाओं और आम लोगों की भावनाओं को भडक़ाकर सब अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। ऐसे लोग शहर को बांट देते हैं। आप ऐसे समूह में न जाएं बल्कि रचनात्मक कार्य जहां होता हो या जहां मन को खुशी मिलती हो वहां जाएं।
श्री कुमार ने लोगों से अपील की कि वे यातायात नियमों का पालन करें। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को साफ हिदायत दी है कि वे बुजुर्गों, महिलाओं को परेशान न करें। जिसके पास हेलमेट नहीं है उससे फाइन वसूलने के बजाय हेलमेट खरीद कर लाने को कहा जाए। श्री कुमार ने कहा कि शहर को नशा से मुक्त करने की दिशा में भी बड़ी पहल की जा रही है। दस ऐसी बस्तियों को चिन्हित किया गया है और उसी कड़ी में उरांव बस्ती में पिछले दिनों बड़ा अभियान चलाया गया। जमशेदपुर पुलिस को ऐसे अभियान में सहयोग प्रदान करने के लिये कोशिश एक मुस्कान लाने की द्वारा भी पहल की गई है। नमन संस्था पहले से ही सहयोग कर रही है। कई अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी संपर्क साधना शुरु किया है। होटल एसोशिएसन, कारोबारियों द्वारा भी सहयोग का भरोसा दिया जा रहा है।
एसएसपी ने कहा कि इस शहर से उनका विशेष लगाव है। मेरे आईपीएस कैरियर की शुरुआत यहीं से हुई है। आज राज्य में उनकी एक आईपीएस के रुप में जो भी पहचान है, उसमें इस शहर का बड़ा योगदान है। इसी कारण आप सीधे मुझे अपना भाई, बेटा मानकर अपनी समस्या के लिये मुझसे संपर्क करें। किसी बिचौलियों की जरुरत नहीं। यह शहर आपका है। साल दो साल में हमारा स्थानांतरण हो जाएगा लेकिन मेरा प्रयास है कि इस शहर को पुलिसिंग के ख्याल से एक पायदान ऊपर उठाकर आने वाले किसी भी अधिकारी को सौंप सकूं।

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