एसएसपी ने निभाया वादा. कोशिश संस्था को सौंपे दो कंप्यूटर और प्रिंटर -विद्यार्थियों को किया प्रेरित, कहा मेहनत का कोई सप्लीमेंट्री नहीं होता

जमशेदपुर
ुेप्रेमनगर स्थित कोशिश संस्था के लिये आज का दिन ऐतिहासिक रहा। बुधवार को जिले के वरीय आरक्षी अधीक्षक अचानक यहां पहुंचे थे और यहां के माहौल को देखकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने शनिवार को दो कम्प्यूटर, दो प्रिंटर, वाई फाई , आर ओ पानी फिल्टर मशीन देने का वादा किया। आज शनिवार को एसएसपी यहां इन सुविधाओं को विद्यार्थियों को सौंपने के लिये पहुंचे। वहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे और अध्यनरत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे मैं 22 साल पहले वाली स्थिति में आया हूं ।मेरी भी पढ़ाई ऐसे ही केंद्र में हुई थी । यहां तो फिर भी भवन है। मैं ललित नारायण कॉलेज मुजफ्फरपुर के ग्राउंड में एक पेड़ के नीचे अन्य विद्यार्थियों के साथ मैंने तैयारी की थी। विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई सप्लीमेंट्री नहीं होता ।आप अपने दिमाग में अपने लक्ष्य को छाप कर तैयारी करें। जब आपको गर्मी, भूख, धूप तथा बगल में बज रहे बैंड का कोई आभास ना हो तब आप समझ लीजिए कि आपका लक्ष्य हासिल होने वाला है। श्री कुमार ने कहा कि यह बात दिमाग से निकाल दीजिए कि गरीब हूं । आपकी पैंट फटी है, कपड़े गंदे हैं, पैर में चप्पल है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपमें जज्बा होना चाहिये। श्री कुमार ने कहा कि कभी सुना है कि अंबानी का बेटा यूपीएससी क्वालीफाई किया है। यदि वह करेगा तो वह इतनी बड़ी बात नहीं होगी जितनी बड़ी बात एक गरीब का बेटा की यूपीएससी क्वालीफाई करने पर होता है यहां बैठे मीडिया वाले भी उन्हीं के बारे में खबरें प्रकाशित करते हैं। मैं आप जैसे परिवेश से ही निकाल कर आया हूं। उन्होंने अपने छात्र जीवन की कई अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए उन्हें यह एहसास दिलाने का प्रयास किया कि अभाव और सुविधाओं के बावजूद कड़ी मेहनत से सफलता अर्जित की जा सकती है।
प्रवीण महतो नामक एक विद्यार्थी ने सवाल किया वह 2 साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। अब उसका एनर्जी लेवल पहले जैसा नहीं है वह क्या करें ?इस पर एसएसपी ने कहा कि यह सामान्य बात है । सबके साथ होता है। मेरे साथ भी ऐसा हुआ था। आप जो बनना चाहते हैं उसे नोट कर कहीं लिख दे मैं यकीन देकर कहता हूं कि आप जरुर सफल होंगे । कहानी फाइटर की ही लिखी जाती है। इसके लिए आपको मेहनत करना ही होगा।
नीट की तैयारी कर रहे एक अन्य विद्यार्थी सागर ने पूछा कि यूपीएससी की तैयारी कैसे की जानी चाहिए ।श्री कुमार ने कहा कि हर जगह एबीसीडी से ही सिर्फ शुरुआत होती है लेकिन आप मेहनत करें परिणाम जरूर निकलेगा।
एसएसपी ने विद्यार्थियों से मिली सुविधाओं का सदुपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपके लिए और भी बहुत कुछ करुंगा। कोशिश संस्था के पदाधिकारी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि जल्द ही इस संस्था का दो फ्लोर तैयार हो। एक फ्लोर पर डेढ़ सौ बच्चे एक साथ तैयारी करें। उनका अपना बुक सेल्फ हो और फर्स्ट फ्लोर पर लाइब्रेरी हो जिसमे 5000 से अधिक पुस्तकें हों। उन्होंने कहा कि समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जो सहयोग करने को तैयार रहते हैं। एसएसपी ने कहा कि नशाखोरी के खिलाफ अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि बर्मा माइंस थाना प्रभारी जो यहां मौजूद हैं उनसे कहा है कि यहां किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। आप परिवर्तन देख भी रहे होंग।

विदित हो कि एसएसपी बुधवार को लक्ष्मीगर में वरिष्ठ नागरिकों के एक कार्यक्रम में भाग लेने आये थे और उसी दौरान उनको इस संस्था के बारे में जानकारी मिली। वे यहां अचानक पहुंचे और वहां तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से बात की। एक छात्रा ने उनको एक पुस्तक भेंट की थी। एसएसपी ने इस दौरान जिन विद्यार्थियों से बात की थी, आज उनमें अधिकांश के बारे में पूछताछ भी थी।

न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रज भूषण सिंह ने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जज्बा होना चाहिये। फिर मंजिल जरुर पाया जा सकता है।
चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय ने कहा कि वे कोशिश के स्थापना काल से ही जुड़े हुए हैं। आज का दिन इस ंसस्था के लिये ऐतिहासिक है। यहां से सरकारी नौकरी में अनेकों विद्यार्थी सफल हुए हैं । अच्छी बात यह है कि वे आज भी इस संस्था के लिये सदैव खड़े रहते हैं।
कोशिश के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि देश का कोई ऐसा राज्य नहीं जहां यहां से तैयारी करने वाले विद्यार्थी सरकारी नौकरी में नहीं है। राजेश ने बताया कि किन विकट स्थितियों में इस संस्था को खड़ा किया गया और कितने लोग इसमें मदद करते हैं। यहां हर रविवार को आस पास के सरकारी स्कूलों के बच्चे 10 बजे से दो बजे तक तैयारी करते हैं।
सचिव संजय कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया।

एक फोन पर अमीश ने उपलब्ध करा दिये दो कम्प्यूटर, प्रिंटर
एसएसपी ने कहा कि जब तीनदिन पहले वे यहां आये थे तो यहां तैयारी कर रहे बच्चों से बात करने पर लगा कि आजकल सारी परीक्षाएं आन लाइन होती हैं। इनके लिये कम्प्यूटर की व्यवस्था की जानी चाहिये। मैरे एक फोन पर अमीश मेहता ने यह उपलब्ध करा दिया। इसके लिये उनको बहुत धन्यवाद
इस कार्यक्रम में अमीश मेहता, उनकी धर्मपत्नी निकिता और बहन अमीषा भी उपस्थित थे और उन्होंने भरोसा दिया कि भविष्य में भी वे अपना योगदान देंगे।

हर साल एक विद्यार्थी की पढाई को स्पांसर
कोशिश के सचिव संजय कुमार ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष रंजीत का निधन कोरोना काल में हो गया था। वे रेलवे में कार्यरत थे। हमने फैसला लिया है कि हर साल एक विद्यार्थी की पढाई का पूरा खर्च हम रंजीत भैया के नाम पर वहन करेंगे। ऐसे बच्चे जिनकी पढाई पैसे के अभाव मेंपूरी नहीं हो पाती, उनको हमारा योगदान होगा। हमारे पास उतने पैसे नहीं लेकिन जितना है,उसी से हम सहयोग कर रहे हैं।

लालटेन में पढकर 18 ने पाई सरकारी नौकरी
इस संस्था की शुरुआत जब हुई तो यहां बिजली भी नहीं थी। लालटेन में पढकर 18 ने पहली बार यहां से सरकारी नौकरी पाई थी।
आज के कार्यक्रम में कई ऐसे सरकारी सेवक मौजूद थे जिन्होंने यहां से अपनी तैयारी की थी। उनके हाथों अतिथियों का स्वागत कराया गया।

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