धनबाद-
कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बैठ कैद होकर चिंता एवं भय के माहौल में जब दिन काट रहे थे तो उस अवधि में धनबाद के पूर्व आईएएस एवं प्रसिद्ध साहित्यकार श्री राम दुबे 5 साहित्यिक पुस्तकों की रचना कर रहे थे इन रचनाओं के जरिए उन्होंने कोरोनावायरस लॉकडाउन से भयभीत होने के बजाय अपनी प्रतिभा को हथियार बना बनाकर लडऩे और जीने की प्रेरणा दी . श्री दुबे इसके पहले 10 पुस्तकें लिख चुके हैं . लॉकडाउन की पिछले 1 वर्ष की अवधि में श्री राम दुबे ने पांच उपन्यास एवं भगवान परशुराम पर एक महाकाव्य की रचना की. चार उपन्यासों में महुआजग( प्रकृति एवं पर्यावरण पर)2 जंगल सब जानता है (नक्सलवाद पर) 3 भज्जो( एक मार्मिक प्रेम कथा) 4 नाचनी(सामंती परिदेश में पिसती एक नाचनी(नारी) का व्यथा कथा)5वां भगवान परसुराम(भगवान परसुराम पर महाकाव्य). पांचों पुस्तकें प्रकाशाधीन हैं।