जमशेदपुर 24 र्मई
सिहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के 75 साल पूरा होने के अवसर पर बनाए जा रहे समारोह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है । आज इस सिलसिले में पास्ट प्रेसिडेंट की बैठक बुलाई गई थी जिसने मिली जानकारी के अनुसार 8 पूर्व अध्यक्ष शामिल हुए थे। इनमें पांच ने 75 साल पूरा होने पर ही साल 2025 में समारोह बनाने की बात कही जबकि तीन पूर्व अध्यक्षों का कहना था कि इसी साल समारोह आयोजित किया जाए। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व अध्यक्ष ए के श्रीवास्तव ,निर्मल काबरा, अशोक भालोतिया, आर के चौधरी और उसे सुरेश सोथालिया का कहना है कि 75 साल पूरा होने पर ही साल 2025 में समारोह आयोजित हो जबकि तीन अन्य पूर्व पास्ट प्रेसिडेंट मुरलीधर केडिया, विजय मेहता और उमेश का 1948 को स्थापना मानकर इसी साल 75 साल पूरा होने के समारोह आयोजित करने के पक्ष में थे ।
पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने चमकता आईना से कहा कि जब एक्ज्युक्यूटिव मीटिंग में कोई फैसला ले लिया गया है तो फिर आपसी सामंजस्य स्थापित कर निर्णय लेना चाहिये। पूर्व अध्यक्षों ने कहा कि चैम्बर की गरिमा को ध्यान में रखते हुए 48-50 के विवाद का निपटारा किया जाना चाहिये। श्री केडिया ने कहा कि जब एक बार चैम्बर की एक्ज्युक्यूटिव कमिटी ने फैसला ले लिया तो पूर्व अध्यक्ष सलाह ही दे सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार विवाद सिंहभूम चैम्बर आफ कामर्स की स्थापना की तिथि को लेकर पैदा हुआ है। एकपक्ष का कहना है कि सिंहभूम चैम्बर आफ कामर्स की स्थापना कंपनीज एक्ट के अनुसार 26-11-1950 में हुई थी और इसी आधार पर, सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना इंडियन कंपनीज एक्ट, 1913 के आधार पर 28.11.1950 को हुई थी , जो चैम्बर द्वारा पत्राचार में लाये जाने वाले चैम्बर के पत्र सिर पर अंकित रहता है। सिंहभूम चैम्बर की स्थापना 1950 में हुई थी, इसी आधार पर 1976 में चैम्बर का रजत जयंती और 2001 में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम मनाया गया। इसी आधार पर चैम्बर का 75 वर्ष 2025 में पूरा होगा और प्लैटिनम जुबली 2026 में मनाई जानी चाहिए। लेकिन अचानक साल 1948 को आधार बनाने के कारण विवाद पैदा हो गया है। एक पक्ष का कहना है कि वर्तमान अध्यक्ष अपने कार्यालय में भी सभी गणमान्य लोगों के साथ की फ़ोटो लगा कर रखें है । इसी शौक़ के कारण वे अपने कार्यकाल में समय से पहले कराना चाह रहे हैं ताकि ये फ़ोटो अपने घर की दीवारों में लगा सके।