Jamshedpur,24 Nov: झारखंड के गुरुद्वारों में डिस्पोजल प्लेटों का लंगर में प्रयोग चरणबद्ध क्रम में बंद कर दिया जाएगा। आने वाले वर्षों में किसी भी गुरुद्वारा में डिस्पोजल प्लेट नजर नहीं आएंगे।
झारखंड राज्य के सिखों की ओर से जिला प्रशासन को यह भरोसा झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान और सीजीपीसी पांच सदस्य कमेटी के संयोजक सरदार शैलेंद्र सिंह ने बुधवार को उपायुक्त से मिलकर दिया ।
जिला पूर्वी सिंहभूम को वैक्सीनेशन कार्यक्रम में पहला स्थान प्राप्त होने तथा जुगसलाई एवं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को स्वच्छता पुरस्कार मिलने का श्रेय सिख प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त सूरज कुमार के सफल नेतृत्व एवं व्यवहार कुशलता को दिया । बुधवार को मानगो गुरुद्वारा कमिटी के प्रधान भगवान सिंह, साकची गुरुद्वारा कमिटी के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू ,झारखंड सिख विकास मंच के अध्यक्ष गुरदीप सिंह पप्पू, सामाजिक संस्था सांझी आवाज के संयोजक सतबीर सिंह सोमू, कीताडीह गुरुद्वारा प्रधान जगजीत सिंह, सतविंदर सिंह रोमी उपायुक्त से मिले और उन्हें शॉल ओढ़ाकर तथा गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी।
उपायुक्त ने सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे पारिवारिक -सामाजिक कार्यक्रमों में डिस्पोजल प्लेटों का कम से कम उपयोग करें। इस पर शैलेंद्र सिंह ने बताया कि शहर के तकरीबन सभी गुरुद्वारों में लंगर में स्टील की थालियों का प्रयोग होता है । यदि किसी गुरुद्वारा में डिस्पोजल प्लेट का प्रयोग हो रहा है तो वह प्रधान और संगत से अपील कर उसे बंद करवाएंगे। उपायुक्त से उन्होंने जुगसलाई की विभिन्न समस्याओं के समाधान का आग्रह किया जिस पर उपायुक्त ने बताया कि जुगसलाई स्टेशन रोड का NOC मिल गया है । अब उसके दोहरीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
उपायुक्त को नगर कीर्तन के आयोजन को लेकर सिखों की भावना से भी अवगत कराया गया। उपायुक्त ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर नगर कीर्तन अवश्य निकलेगा।
उपायुक्त से मिलकर लौटे शैलेंद्र सिंह ने कहा कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम एवं स्वच्छता अभियान के साथ ही अन्य राष्ट्रीय योजनाओं में जिला पूर्वी सिंहभूम का डंका बज रहा है और इसका पूरा श्रेय जिला उपायुक्त के सफल नेतृत्व को जाता है, क्योंकि वे मातहतों के बीच प्रेरक तत्व के रूप में कुशलतापूर्वक कार्य करते हैं।