JMM महा अधिवेशन
रांची,
झारखंड मुक्ति मोर्चा के 12 वें अधिवेशन में सर्वसम्मति से शिबू सोरेन 10वीं बार केंद्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं।वहीं हेमंत सोरेन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैंं। हरमू स्थित सोहराय भवन में आयोजित अधिवेशन में शिबू सोरेन एवं हेमंत सोरेन को नई कमेटी के गठन के लिए अधिकृत किया गया. अधिवेशन को संबोधित करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा गरीब गुरबे, मूलवासी, आदिवासी, दलित, पिछड़ों की पार्टी है। हम सत्तारूढ़ दल की भूमिका में काम कर रहे हैं। यह हमारी मंजिल नहीं, सिर्फ एक पड़ाव है। मंजिल के लिए हमें लंबा सफर तय करना है। राज्य के लोगों के लिए हमेशा खड़े रहने का प्रयास करना चाहिए। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड 21 साल का हो चुका है। 21 साल में जो लोग अधिकतर समय सत्ता में रहे उन लोगों ने कभी राज्य के प्रति अपनी गंभीरता अपनी संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
कुछ लोग जनता को दिग्भ्रमित करने में माहिर
हेमंत सोरेन ने कहा कि लंबे समय के बाद मजबूती से आज महागठबंधन की सरकार बनी है। हमारे साथ-साथ आपलोगों पर भी जिम्मेदारी है, लोगों की अपेक्षाओं आपलोगों से भी बढ़ी है। राज्य में नीति निर्धारण का, दिशा तय करने का, निर्णय और कानून हम लोग बनाते हैं। कार्यकर्ताओं पर बड़ी जिम्मेदारी है। सबकी अपनी-अपनी राजनीति है। आम जनता कभी-कभी भ्रम में पड़ जाती है। दिग्भ्रमित करने में कई लोग माहिर हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के 40-45 साल के संघर्ष में गुरुजी, बिनोद बिहारी महतो जैसे सपूतों ने जिस राह पर चलने का आह्वान किया, जिस राह पर ले जाने का काम किया, मंजिल तक पहुंचाने का काम किया, आज उसी के बदले यह राज्य मिला है। आज इसीलिए हमसभी की जिम्मेदारी, लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं।
महागठबंधन सरकार ने कोरोना से निपटने में बेहतर काम किया
CM हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरीके से सरकार बनने से लेकर आजतक डेढ़ साल तक कोरोना का भयावह मंजर देश-दुनिया के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। ना जाने कबतक यह दौर चलेगा। झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। महागठबंधन की मजबूत सरकार ने कोरोना का बेहतर प्रबंधन किया। झारखंड गरीब, मजदूरों, पिछड़ों, आदिवासियों का राज्य है। जब तक जीवन सामान्य नहीं होगा, तबतक समस्या रहेगी। गरीबों के लिए यह बड़ा अभिशाप है। अभी तक हमने अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया।
पार्टी में पदों की संख्या घटी
राजधानी रांची में आज शनिवार को आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा के 12 वें अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह अधिवेशन देर रात तक चलने की संभावना है। इस अधिवेशन में उपाध्यक्ष के पदों को घटाने का फैसला लिया गया है। पहले जहां 15 उपाध्यक्ष हुआ करते थे, अब यह संख्या घटकर 11 हो सकती है। वहीं, महासचिव के पदों की संख्या 12 से घटाकर 09 कर दी गई है। इसी तरह केंद्रीय समिति सदस्यों की संख्या 451 से घटाकर 351 करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा कि झामुमो सभी जिलों में कार्यालय सचिव का पद भी सृजित करेगा। यानी जिलों में अब झामुमो के कार्यालय सचिव भी होंगे। इसी तरह से जिलों में तीन प्रखंडों पर एक उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है।
शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन नई कमेटी गठन के लिए अधिकृत
झारखंड मुक्ति मोर्चा के 12 वें अधिवेशन में सर्वसम्मति से शिबू सोरेन 10वीं बार केंद्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं।वहीं हेमंत सोरेन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैंं। शिबू सोरेन एवं हेमंत सोरेन को नई कमेटी के गठन के लिए अधिकृत किया गया.
झारखंड के मुख्यमंत्री और पार्टी के नेता हेमंत सोरेन ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन के इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन भी मौजूद थे। इस सम्मेलन में शिबू सोरेन की पुनः ताजपोशी होने जा रही है। महाधिवेशन में झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों से भी करीब 700 प्रतिनिधि शामिल होने पहुंचे हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस महासम्मेलन में कई राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए। राजधानी रांची के इस सम्मेलन में 77 साल के शिबू सोरेन दसवीं बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष चुने गए। झामुमो नेताओं के अनुसार दिशोम गुरु शिबू सोरेन निर्विरोध रूप से अध्यक्ष बनाए गए।