Ranchi,11 Jan : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के 78वें जन्मदिवस के अवसर पर पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से उनके दीर्घायु जीवन एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और पांव छूकर आशीर्वाद लिया।
दिशोम गुरु कौन हैं
पोखरिया के संत के रूप में कभी राजनीति शुरू की । उस दिन शराब,सूदखोरी और ज़ुल्म के खिलाफ़ चिंगारी बनकर उभरे थे। यह चिंगारी आज मशाल बन गई है।दिशोम गुरू की रौशनी से झारखण्ड की धरती अब सराबोर हो चुकी है। वे अक़्सर कहा करते हैं कि जब तक झारखंडियों की सोच नहीं बदलेगी तब तक सपने का झारखण्ड नहीं बन सकता है। झारखण्ड अलग राज्य बन गया। राजनीतिक सत्ता का फेरबदल होता रहेगा लेकिन इससे अलग राज्य बनने के पीछे का मकसद जस का तस रह जाएगा। भाषा, संस्कृति बुरी तरह से हमले का शिकार हुई है लेकिन इस दिशा में कोई ठोस काम अब तक नहीं दिख रहा है। बदलाव के लिए जागरूकता चाहिए, जो नदारद है।
देश में जब सैनिक विद्रोह हुआ उसे राष्ट्रीय आंदोलन बता दिया गया लेकिन उसके काफी पहले से आदिवासी न सिर्फ अंग्रेज बल्कि महाजन, शराब, रूढ़िवाद, कुरीति के खिलाफ़ आंदोलित रहे। सिद्धो, कान्हो, फूलो, झानो..लम्बी शहादत की फेहरिश्त है। देश,माटी और समाज के लिए वे कुर्बान होते रहे। मीरज़ाफर की साजिश से बचाने के लिये सिराजुद्दौला तक को शेल्टर दिया लेकिन सिर्फ़ हूल के नाम पर इस आंदोलन को ही मिटाने की कोशिशें होती रहीं।
आज गुरुजी का जन्मदिन है।
धनबाद में अपनी सक्रियता के काल खंड में महाजनी प्रथा और दारू हड़िया की विरुद्ध आंदोलन में धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त के बी सक्सेना और इस अखबार के संस्थापक स्व ब्रह्मदेव सिंह शर्मा के साथ मिलकर शिबू सोरेन के कार्यों की अनेक कथाएं हैं।