जमशेदपुर : घाटशिला के निलंबित थानेदार और आरक्षी निरीक्षक शंभू गुप्ता के कारनामों में विभिन्न संपत्तियों में उनके निवेश भी चर्चा में है. नेशनल हाईवे पर डिमना से आगे बड़ाबांकी से पहले एक चर्चित रिसोर्ट में निवेश की भी जांच की मांग उठ रही है. समान नामधारी सह भाजपा नेता बनने का शौक रखनेवाले चर्चित व्यक्ति से भी उनके क्या संबंध है, इसकी जांच होनी चाहिये. घाटशिला में लंबे समय तक विवाद में रहने और कई आरोपों को झेलने के बाद भी उनपर कार्रवाई नहीं हो रही थी. इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. इस मामले में जिला पुलिस प्रशासन ने उनपर कार्रवाई की तो लोगों का विश्वास बढ़ा. इसबार के मामले के शिकायतकर्ता महिला ने अपने पति के इलाज के लिये उन रुपयों को घर में रखा था, जिसे आरोप है कि गांजा बरामदगी के लिये की गई छापामारी में थाना प्रभारी ने घर से उठा लिया. छापामारी के लिये जो पुलिस टीम गई थी, उसके सभी कर्मी व पदाधिकारी बाहर घेराबंदी में थे, जबकि थानेदार अपने ही भरोसे के मुंशी को लेकर अंदर घुसे थे. वे जैसे बाहर निकले, महिला पैसे लेने का शोर करते हुए बाहर निकली. थाना आने का बोलकर उस समय थानेदार निकल गये, फिर थाने में जाने पर पैसे लेने की बात से इनकार कर बैठे.
ऐसे कई मामले है, जिसमें थाना में पैसे के लिये फरियादियों को परेशान किया जाता था और दोनों पक्षों से वसूली कर मामले में पर कुंडली मार दी जाती थी. कुछ शिकायतों को तो थानेदार जांच के नाम पर रखकर पैसे आने का इंतजार करते थे. जबतक पैसा नहीं पहुंचता था, न इंक्वायरी होती थी और न मामला दर्ज किया जाता था. शंभू गुप्ता पहले पूर्वी सिंहभूम में रह चुके हैं. यहां से वे सरायकेला जिला भी गये थे लेकिन वहां के कार्यकाल में उनकी दाल नहीं गली. डीआईजी तक को जेब में रखने की बात करते थे.