एनजीटी रोक के बावजूद कैसे चल रहा था बालू उठाव,सिदगोड़ा बना अवैध धंधों और अपराध का अड्ड़ा

जमशेदपुर 11 सितम्बर संवाददाता:सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में खुलेआम चल रहे अवैध कारोबार और अपराधियों तथा अवैध कारोबार करने वालों के बढे मन का नजारा आज खुद धालभूम अनुमंडल अधिकारी पारुल सिंह ने बेनकाब किया जब उन्होंने बारीडीह बस्ती नदी घाट पर आठ बालू लदे ट्रकों को जब्त कराया। आश्चर्य है कि एनजीटी द्वारा बालू उठाव पर रोक के बावजूद यहां खुलेआम बालू का उठाव किया जा रहा था और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी थी। दरअसल एक छटाक बालू का उठाव नहीं हो अगर उसे थाने का संरक्षण नहीं मिलता हो। प्रति गाड़ी थाने का रेट फिक्स होता है। इस अवैध कमाई की होड़ में एनजीटी के आदेशों की भी परवाह नहीं की जाती। नेशनल ग्रीन ट्रियूबिन (एनजीटी) मानसून शुरु होते ही अक्टूबर तक देश में कहीं भी नदी किनारे बालू के उठाव पर रोक लगा देता है लेकिन पुलिस के संरक्षण में बालू चोरी करने वाले अपना काम करते रहते हैं। आज एसडीओ ने आठ वाहनों को जब्त किया जिनमें हाइवा और 407 शामिल हैं। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया। एसडीओ को नदी घाट पर उतरना दर्शाता है कि पुलिस शिकायत और सूचना मिलने के बाद भी क्यों चुप बैठी हुई थी।
सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में आज सुबह ही एक मोटरसायकिल की चोरी हुई। चोरी और गोलीबारी हो, जुआ अड्डा चले तो अनुमान लगाया जा सकता है कि थाना में क्या चल रहा है। सिदगोड़ा क्षेत्र पहले से भी ऐसी घटनाओं का केंद्र रहा है लेकिन शिकायत मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती दिखती थी। फिलहाल शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इसी का प्रमाण है कि दो दिन पहले ओडि़सा के महामहिम और प्रदेश के पूर्व सीएम के स्थानीय आवास के निकट गोली बारी की घटना हुई। इस गोलीबारी मेंलिप्त युवक का आपराधिक इतिहास है। इसपर कई मामले दर्ज हैं लेकिन उसको थाना द्वारा खुलेआम संरक्षण प्राप्त है। उसका कारण बच्चा बच्चा जानका है कि वह किसका लडक़ा है और उसको बचाने के लिये थाने में ही एजेंट बैठे हुए हैं। सिदगोड़ा मछली पट्टी में खुलेआम जुआ और मटका का खेल चल रहा है। क्या थाना को पता नहीं पिंटू कौन है? पिंटू के थाने का क्या संबंध है? बालू के उठाव केबारे में पता चला है कि हर माह ढाई लाख से अधिक का वारा न्यारा होता है। ऐसी कई सूचनाएं हैं जो थाने के रवैये पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। यह भी सुना जाता है कि डीएसपी के बारे में कहा जाता है कि वे बैचमेट हैं, उनको संभाल लेंगे। बड़े अधिकारियों को भी हैंडल करने का झूठ का सच बड़बोलापन का खुलेआम बखान किया जाता है।लिट्टी चौक के अलावे कुछ अन्य जगहों से मादक पदार्थों का भी धंधा संचालित हो रहा है। असामाजिक तत्वों और अपराधियों को इतनी हिम्मत कहां से मिल रही है?

Share this News...