इस्तीफा देने वाले एमएलए के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक की याचिका खारिज

सरकार गिराने के लिए इस्तीफा देने वाले विधायकों को 5 साल तक चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने याचिका दाखिल की थी. चीफ जस्टिस ने कहा कि अनुच्छेद 191 में विधायक चुने जाने के लिए अयोग्यता दी गई है. हम अपनी तरफ से नया नियम नहीं बना सकते.

मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर इस मामले को कई बार उठा चुकी हैं. जया ने साल 2021 में सरकार को गिराने के मकसद से इस्तीफा देने वाले विधायकों पर एक्शन लिए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि इस मामले में शामिल मुद्दा संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) की व्याख्या से संबंधित है. इसका अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग के कार्यक्षेत्र और चुनाव के संचालन से कोई संबंध नहीं है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, जया ठाकुर ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और दसवीं अनुसूची का उल्लंघन करने पर विधायकों और सांसदों को पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है. उन सांसद/ विधायकों के चुनाव लड़ने पर पांच साल तक पाबंदी लगाने की मांग की है जो चुनाव जीतने के बाद पार्टी से इस्तीफा देकर सीट खाली कर देते हैं या फिर उपचुनाव मे दूसरी पार्टी के प्रत्याशी बन जाते हैं.

2020 में गिरी थी सरकार

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई सरकार के मुखिया कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में गिर गई थी. इसी के बाद यह याचिका दायर की गई थी.

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