Jamshedpur,25 June: झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह, 2016 एवं 2017 के अवसर पर हुए टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत, साज-सज्जा घोटाला की जाँच एसीबी अथवा सीबीआई से कराने के संबंध में विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री को आज पत्र लिख कर प्रेस को जारी किया। इस मामले को मेनहर्ट घोटाला से अधिक गंभीर बताते हुए लिखा है यह टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत, साज-सज्जा घोटाला है। इस घोटाला के सभी केन्द्रीय पात्र जमशेदपुर से जुड़े हैं. यह घोटाला वर्ष 2016 और 2017 में 15 नवम्बर को हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में स्कूली बच्चों के बीच टॉफी- टी शर्ट बाँटने और गीत-संगीत की महफिल सजाने तथा राँची शहर की साज-सज्जा से संबंधित हैं. विधायक ने लिखा है इस घोटाला की जाँच विधान सभा की अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति कर रही है. इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में भी एक रिट याचिका पर सुनवाई चल रही है.
समय कम होने का बहाना बनाकर राज्य स्थापना दिवस समारोह, 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये एक प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी का एक पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा गया था. टॉफी की खरीद सिदगोडा, जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से और टी शर्ट की खरीद कदमा, जमशेदपुर के प्रकाश शर्मा के माध्यम से कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना से दिखाई गई.
प्रारम्भिक जाँच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लल्ला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदा और न ही बेचा, परंतु एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रूपये का चेक ले लिया और उस पर बिक्री कर (वैट) का करीब 4 लाख रूपये का भुगतान कर दिया. वाणिज्य कर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के लिये लल्ला इंटरप्राइजेज पर 17 लाख रूपये से अधिक का जुर्माना लगा दिया है.
कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना के स्थानीय एजेंट कदमा, जमशेदपुर निवासी प्रकाश शर्मा के माध्यम से 5 करोड़ रूपये की टी शर्ट की ख़रीदी लुधियाना के कुडु फैब्रिक्स से दिखाई गई है. पर झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिये रोड परमिट नहीं दिया है. टी शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से राँची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से आई या रेल मार्ग से आई इसकी सूचना वाणिज्य कर विभाग को नहीं है. पर भुगतान पूरा हो गया है. अब झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने पंजाब सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है.
15 नवम्बर 2016 को पूर्व निर्धारित मनोरंजन कार्यक्रमों के बीच एक घंटा के लिये फिल्मी पार्श्व गायिका श्रीमती सुनिधि चैहान का गीत कार्यक्रम रखा गया. 9 नवम्बर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव ने सुनिधि चैहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा जिसपर करीब 44 लाख रूपया का खर्च बताया. प्रस्ताव स्वीकृत हो गया. परंतु इसपर कुल भुगतान दिखाया गया 55 लाख रूपया से अधिक.
इसके तीन दिन पहले 6 नवम्बर 2016 को छठ पर्व पर सूर्य मंदिर परिसर, जमशेदपुर में सुनिधि चैहान का गीत कार्यक्रम हुआ था. तत्कालीन मुख्यमंत्री ही उस समय तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक थे. सरकार ने तो 15 नवम्बर के सुनिधि चैहान के एक घंटा के प्रोग्राम के लिये 55 लाख रूपया से अधिक का भुगतान किया. पर सवाल है कि सूर्य मंदिर समिति ने उन्हें कितने का भुगतान किया? या सरकार ने ही दोनों कार्यक्रमों का भुगतान कर दिया.
इसके अतिरिक्त राँची शहर में एक दिन के सजावट पर बिजली विभाग ने 15 नवम्बर 2016 को 4 करोड़ रूपया से अधिक खर्च दिखाया है. यह खर्च 2017 में करीब 2 करोड़ रूपया है. 2016 के कार्यक्रम में कुल खर्च करीब 9.50 करोड़ रूपया दिखाया है, जबकि यही खर्च 2017 के राज्य स्थापना दिवस पर करीब 12 करोड़ रूपया से अधिक दिखाया गया है. 2017 में प्रभात फेरी के लिये टॉफी की खरीद माँ लक्ष्मी भंडार, जुगसलाई से और टी-शर्ट की खरीद आदित्यपुर के प्रतीक फैबनिट से की गई.
मामले की जाँच कर रही विधान सभा की अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति सरकार के संबंधित विभागों से प्राप्त आवश्यक सूचनाओं की जाँच कर रही है. ये सूचनायें याचिकाकर्ता द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष भी रखी जाने वाली हैं. क़ायदे से राज्य को बदनाम करने वाले इस घोटाले की जाँच एसीबी के हवाले की जानी चाहिये. टी-शर्ट खरीद का मामला दो राज्यों से संबंधित है तो इस घोटाला की जाँच सीबीआई को भी सौंपी जा सकती है.