Jamshedpur,19 July. विधायक सरयू राय पूर्व रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुई सरकारी राशि के कथित फालतू और गबन वाले खर्चों पर पुनः एक ताजा ट्वीट किया है जो इस प्रकार है – @HemantSorenJMM जाँच करायें कि क्या ₹5 करोड़ खर्च कर लुधियाना से आनेवाली जिस टी-शर्ट को पहनकर राज्य के स्कूली छात्रों को झारखंड स्थापना दिवस, 15.11.2016, को प्रभात फेरी निकालनी थी, उस टी-शर्ट की ₹3 करोड़ की खेप 15.11.2016 को ही दिन के 2.30 बजे लुधियाना से रांची के लिये चली थी.
विदित हो कि टी शर्ट और टॉफ़ी के नाम पर वितीय गोलमाल होने और कुछ खास अपने समर्थक प्रतिनिधियों को लाभ पहुंचाने के ऐसे कई मामलों को उठाकर विधायक जनता के बीच ला रहे हैं । उनका कहना होता है कि दो दो मुख्य मंत्रियों को जेल भेजवाने के बाद वे तीसरे को भी जेल भेज कर ही दम लेंगे क्योंकि तत्कालीन सरकार में सिर्फ मनमानियां की गई। सरयू राय के लगातार हमले पर रघुवर दास के समर्थक भी उनके विरुद्ध ‘आहार’ नामक पत्रिका के प्रकाशन में नियम विरुद्ध काम करने का आरोप लगा रहे है। सरयू राय भी उस समय रघुवर सरकार में मंत्री थे। अर्थात सरयू राय ने मंत्री रहते गड़बड़ी की तब उसकी जवाबदेही से उस समय के मुख्यमंत्री बच नहीं पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रघुवर सरकार को पूरा समर्थन और भरोसा मिला हुआ था। प्रधान मंत्री कहते हैं न खाएंगे ना खाने देंगे, फिर रघुवर दास भी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते थे।ऐसे भरोसे वाली सरकार में क्या इस तरह की गड़बड़ी सचमुच हुई ? वैसे तत्कालीन मुख्य मंत्री के कुछ खास चुनिंदे सिपहसालारों की हैसियत उनके कार्यकाल में बेहिसाब बढ़ गयी और कई ने महल बनवाये , महंगी महंगी गाड़ियों पर चलना शुरू कर दिया तो कुछ गुपचुप ढंग से धंधे बढ़ाते रहे। चुनाव के समय ऐसे नौरत्नों की खूब चर्चा हुई जिनके हाव भाव और क्रिया कलाप आम जनों के हितों और व्यवहारों को चिढ़ाने वाले और रघुवर दास की पराजय के कारणों में प्रमुखता से गिनती वाले रहे । मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास अन्य शुभचिंतकों से बात करना और मिलना तो दूर उन्हें हो रही पीड़ा पर बेपरवाह बने गए।ये सिपहसालार उनके पास तक लोगों को जाने के सिस्टम में ही बाधा डालते रहे। परिणाम स्वरूप रघुवर दास उनके इर्द गिर्द मचाई जा रही कथित लूट से अनजान भी रहे।