गुवा संवाददाता। छोटानागरा थाना अन्तर्गत नक्सल प्रभावित सारंडा के सुदूरवर्ती गांव काशिया-पेचा में एक नाबालिग युवती की हत्या कर शव को जंगल में फेंकने तथा बाद में मुंडा व डकुआ के निर्देश पर साक्ष्य को छिपाने हेतु मृतका के शव को गांव में ही दफना दिये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों के अनुसार काशिया पेचा गांव निवासी की 15 वर्षीय नाबालिग पुत्री बीते 3 जनवरी को दोपहर लगभग एक बजे गांव के समीप बांगुरकिया जंगल में अपना भैंसा खोजने गई थी। वह वापस जंगल से नहीं लौटी तो उसकी की मां, अन्य परिजन तथा ग्रामीण युवती की खोज उक्त जंगल से लेकर आसपास के रिश्तेदारों के यहां करने लगे। इसी बीच 7 जनवरी को उक्त युवती को खोजने के दौरान गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर जंगल में संदिग्ध स्थिति में युवती का शव बरामद हुआ। सूत्रों के अनुसार युवती का मुंह बंधा तथा गला को कपड़ा लपेट कर दबाया हुआ था। सिर पर भी हल्का जख्म था। युवती का शव जब गांव में लाया गया और मृतका की मां पुलिस को सूचना देने जा रही थी तब गांव के मुंडा व डकुआ ने दबाव बनाकर पुलिस को सूचना नहीं देने तथा शव को दफना देने का निर्देश दिया। इस घटना की जाकारी अपने रिश्तेदारों व गांव के बाहर किसी को नहीं देने का फरमान सुनाकर 8 जनवरी को मृतका का शव दफना दिया गया। मृतका के पिता गंगाराम सुरीन को वन विभाग ने जंगली सुअर मारने के आरोप में 15 दिन पूर्व ही दो अन्य ग्रामीणों के साथ चाईबासा जेल भेजा है। कुछ ग्रामीण चाईबासा जेल जाकर गंगाराम सुरीन से मुलाकात कर उसकी बेटी की हत्या व शव दफनाने संबंधी घटना की पूरी जानकारी दी। गंगाराम ने कहा कि इस घटना की शिकायत पुलिस थाना में मेरी पत्नी से दिलवाया जाये। इसके बाद मृतका की मां 14 जनवरी को गुआ थाना जाकर घटना की जानकारी दी। थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव ने कहा कि काशिया पेचा गांव छोटानागरा थाना क्षेत्र में है। इसके लिए इसकी शिकायत छोटानागरा थाना में करने को कहा है। 15 जनवरी को छोटानागरा एवं गुवा पुलिस काशिया पेचा गांव जाकर कब्र से शव निकाल कर मामले की जांच शुरू करेगी। इस घटना में गांव के ही लोगों के शामिल होने तथा दुष्कर्म कर हत्या किये जाने की संभावना जताई जा रही है।