lucknow 25 january उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से मुस्लिम-यादव (एमवाई) का अपना पुराना समीकरण आजमाया है. सपा ने सोमवार को 159 प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है, उसमें 31 मुसलमान और 20 यादव हैं. इसके अलावा पिछड़े वर्गों में मौर्य, कुर्मी, गुर्जर, निषाद जाट को प्राथमिकता दी गई.साथ ही आठ ब्राह्मण, पांच ठाकुर, छह वैश्य और दो सिख समुदाय के प्रत्याशी बनाए गए हैं. अखिलेश यादव ने टिकट बंटवारे में भले ही ठाकुर समुदाय को खास तवज्जे नहीं दी है, लेकिन अपने बेस वोट का पूरा ख्याल रखा है. सूबे में यादव और मुस्लिम सपा का कोर वोट माना जाता है. इसी मुस्लिम-यादव समीकरण से मुलायम सिंह पिछले ढाई दशक से प्रदेश की राजनीति में मुख्य ध्रुव बने रहे हैं. मुलायम की सियासी विरासत विरासत संभाल रहे अब अखिलेश यादव भी उनकी राह पर चल पड़े हैं.
सपा ने सोमवार को 159 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। सपा प्रमुख अखिलेश सिंह यादव मैनपुरी की करहल सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं, सीतापुर जेल में बंद आजम खान को रामपुर से टिकट दिया गया है। आजम के बेटे अब्दुल्ला को स्वार सीट से सपा ने मैदान में उतारा है। अब्दुल्ला 10 दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं।
भाजपा छोडक़र सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्या के बेटे उत्कृष्ट मौर्या को टिकट नहीं दिया गया है। वह ऊंचाहार सीट से टिकट मांग रहे थे। उनकी जगह सपा ने पुराने सपा नेता मनोज पांडेय को मैदान में उतारा है।
सिर्फ 7 महिलाओं को टिकट
सपा ने 159 नामों की लिस्ट में ‘एमवाई’ यानी मुस्लिम-यादवों के समीकरण को साधने का पूरा प्रयास किया गया है। पार्टी ने 31 मुस्लिमों और 12 यादव प्रत्याशियों को टिकट दिया है। पार्टी का फोकस इस बार ओबीसी पर सबसे ज्यादा रहा है। सपा ने 159 में से 64 ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं।
सपा ने 159 में 7 महिलाओं को टिकट दिया है। वहीं, एसपी कैटेगरी के 31 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, 8 वैश्य, 7 ठाकुर और 9 ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे हैं।
बसपा से आए 3, कांग्रेस और भाजपा से आए 2-2 को टिकट
सपा ने दूसरे दलों से आए नेताओं पर कम भरोसा जताया है। बसपा से आए तीन नेताओं में तिलक चंद्र अहिरवार को झांसी से, द्दू प्रसाद को नरैनी से और आरएस कुशवाह को निघासन सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा, कांग्रेस से आए अंकित परिहार को उन्नाव की भगवंतनगर से सुप्रिया ऐरन को बरेली कैंट से मैदान में उतारा है।
वहीं, भाजपा से आए पूर्व मंत्री धर्मसिंह सैनी को सहारनपुर की नकु? से उतारा है। वहीं, रोशनलाल वर्मा को शाहजहांपुर की तिलहर सीट से प्रत्याशी बनाया है।
कैराना से नाहिद हसन को ही मैदान में उतारा
कैराना से पार्टी ने पलायन मामले में आरोपी रहे नाहिद हसन को ही मैदान में उतारा है। बताते चलें कि नाहिद हसन के जेल जाने के बाद उनकी बहन इकरा हसन के चुनाव लडऩे की चर्चाएं लगातार चल रही थी। सोमवार को सभी अटकलों पर विराम लग गया। कैराना विधानसभा क्षेत्र से नाहिद हसन ही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।