साकची मंदिर -कब्रिस्तान विवाद:Tata Steel लैंड के अधिकारियों पर कार्रवाई के अलावे अन्य 3 मांगों के साथ पहुंचा DC दरबार: मूर्तियां तो हटवा दीं, अन्य अतिक्रमणों पर भी सोचिए: विधायक

Sakchi Graduate college: महामहिम के प्रस्तावित उद्घाटन कार्यक्रम के ऐन वक्त उपजा विवाद
Jamshedpur, 16 फरवरी. साकची में नवनिर्मित ग्रेजुएट कॉलेज भवन के निकटस्थ श्री हनुमान और शनिदेव की मूर्तियों को हटाने पर उठा विवाद शहर के लिए खतरनाक रूप ले सकता है अगर प्रशासन और टाटा स्टील प्रबंधन ने तत्काल सौहाद्रपूर्ण समाधान नहीं निकला। एक ओर मूर्तियों को हटाने और और दूसरी ओर बगल में दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल को यू ही छोड़ देना इस समस्या की जड़ बनता दिखाई दे रहा। टाटा स्टील लैंड विभाग के अधिकारियों द्वारा पूर्वी सिंहभूम के ए डी एम ( लॉ एंड आर्डर) तथा भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच मूर्तियां हटाई गईं जबकि दूसरे धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया। स्थल पर अन्य कई विसंगतियां देखने को मिल रही हैं जिन पर टाटा स्टील और प्रशासन ने कोई स्पष्ट स्थिति की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है जिससे तरह तरह की चर्चाओं को बल मिल रहा है। इस संवेदनशील मामले को जल्दबाज़ी में छेड़ दिया गया, लेकिन संभावित परिस्थितियों से निबटने की ओर से जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं । आज कुछ लोग जिला समाहरणालय पहुंचे लेकिन उनकी मुलाकात किसी अधिकारी से नहीं हुई बतायी जाती है। उनलोगों ने उपयुक्त को संबोधित अपना ज्ञापन ए डी एम ( लॉ एंड आर्डर) के कार्यालय में जमा किया जिसमे दूसरे समुदाय के एनक्रोचमेंट वाले धार्मिक स्थल को तत्काल हटाने और लोगों की भावनाओं और आस्था से कथित खेल करने वाले कंपनी अधिकारियों पर करवाई के अलावा पुनः मूर्तियां स्थापित कराने और अन्य कुल 4 मांगें उठायी गयी हैं। हिन्दू पीठ के अरुण सिंह ने इनलोगों का नेतृत्व कि. ज्ञापन में नवनिर्मित कॉलेज की चौहद्दी के वर्तमान हालात को कॉलेज आनेवाली छात्राओं की सुरक्षा के लिये खतरनाक बताते हुए आशंका जताई गई कि वहां दुकानें खोलने के अलावे अन्य असामाजिक हरकतें हो सकती हैं जिनसे भविष्य में सौहाद्र बिगड़ सकता है । टाटा स्टील के अधिकारियों ने अब तक उन उपायों को नहीं कर सीधे अंतिम अस्त्र चलाकर भूत बोतल से बाहर कूदने के लिए छोड़ दिया।
नवनिर्मित कॉलेज भवन का उद्घाटन महामहिम कुलाधिपति के हाथों होने की चर्चा है । कोल्हान के वी सी पिछले दिनों स्थल मुआयना करने आये थे। महामहिम महिला कुलाधिपति बेटियों की सुरक्षा के लिए अपनी गंभीरता जाहिर करती रहती हैं और उनके सामने जब बेटियों की सुरक्षा का सवाल उठाया जाएगा तो निश्चित रूप से जवाब देना सबके लिए कठिन होगा।

मूर्तियों की स्थापना करने वाले ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वहीं साकची कब्रिस्तान की चहारदीवारी पर 100-150 मीटर के दायरे में तीन-चार गेट अनियमित ढंग से नवनिर्मित महिला कालेज भवन के प्रवेश द्वार के सन्मुख आनन-फानन में खोल दिए गए. इस पर कभी टाटा कंपनी ने आपत्ति नहीं की। जब कब्रिस्तान का मुख्य द्वार साकची स्ट्रेट माइल रोड की ओर से है तब पिछवाड़े में महिला कालेज भवन की ओर गेट खोलने की अनुमति किसने दी?
विधायक ने प्रशासन और टाटा कंपनी के अधिकारियों को इस भेदभाव और विद्वेष फैला रहे मामले का सौहाद्र्रपूर्ण समाधान निकालने की मांग की, अन्यथा चेतावनी दी कि वे खुद मंदिर स्थापित करने पहुंचेंगे।
यह पूरा मामला संबंधित अधिकारियों की समझ का नतीजा प्रतीत होता है जिसमें कंपनी और प्रशासन दोनों जवाबदेह हैं। इसमें धार्मिक संगठनों के तीन-चार ऐसे व्यक्तियों की भी भूमिका बतायी जाती है जो आग लगाकर फिर उसमें अपनी-अपनी रोटियां सेंकने का मौका ढूंढते हैं। इनमें एक व्यक्ति उक्त मूर्तियों की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा में स्वयं शामिल थे लेकिन ऐन वक्त पर गंगा नहाकर खड़ा हो गए। इस पूरे प्रकरण में रामबाबू सिंह, जनार्दन पांडेय, आशुतोष और अरुण सिंह बिल्कुल चुप लगा गए हैं .
टाटा स्टील के अधिकारियों ने कब्रिस्तान के बगल में महिला कालेज भवन का ऐसा नक्शा डिजाइन किया है जो आने वाले दिनों में विवाद और अशांति की वजह बनेगा. महिला कालेज के प्रवेश द्वार का मुख द्वार उस दिशा में खोला गया है जिसके ठीक सामने कब्रिस्तान है और उसी ओर कब्रिस्तान के तीन-चार गेट आनन-फानन में खोल दिए गए हैं. मूर्तियों की स्थापना के पीछे की सोच इस विवाद का संकेत दे रही है। विधायक सरयू राय ने टाटा कंपनी के अधिकारियों को कब्रिस्तान की सीमा के बाहर ऊंची मजबूत बाउंड्री बनवाने तथा कुछ अन्य सावधानियां और सुरक्षात्मक कार्य करने की सलाह दी है। आज हिन्दू पीठ ने भी अपने ज्ञापन में ये मांगें उठायीं।

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