Kolkata,14 June: कोलकाता में सेल रॉ मैटेरियल्स डिवीजन (RMD) के कर्मचारी और इसकी खदानों ने सर्वसम्मति से सेफी के अध्यक्ष विमल बिशी द्वारा आरएमडी के संचालन के विभिन्न वित्तीय बिंदुओं पर दिए गए झूठे बयान की निंदा की।
हाल ही में श्री बिशी ने कुछ तथ्यों और आंकड़ों के साथ जनता के पास जाकर यह दर्शाया कि सेल कोलकाता में छोटे आकार का कार्यालय चलाने के लिए सालाना 50 करोड़ रुपये खर्च करता है। इस वक्तव्य की निंदा करते हुए आरएमडी कर्मचारी संघ ने सामूहिक रूप से कहा कि श्री बिशी ने मीडिया और सार्वजनिक क्षेत्र में मनगढ़ंत तथ्यों और आंकड़ों को गलतरूप में दर्शाया है और निहित स्वार्थ के लिए सेल-आरएमडी को बंद करवाने का कुचक्र चलाया गया है । उन्होंने कहा कि यह व्यय वास्तविक से दस गुणा अधिक बढा-चढ़ा कर बताया गया और उच्च प्रबंधन और आम लोगों को भ्रमित करने के लिए प्रेस को दिया गया था ।हकीकत यह है कि आरएमडी का रनिंग खर्च सालाना सिर्फ 5 करोड़ रुपये तक सीमित है जबकि श्री बिशी ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर 50 करोड़ रुपये बता दिया जो गलत है।
जैसा कि हाल ही में सेल प्रबंधन ने कोलकाता में आरएमडी कार्यालय को खत्म करने की योजना बनाई है, इससे सभी कर्मचारियों में अनिश्चितता का डर समाया हुआ है ! कार्यालय बंद होनें के डर से सभी कर्मी भयभीत हो गए हैं । इस फैसले से पिछले 20 साल से आरएमडी में काम कर रहे अनुबंधित कर्मचारियों सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लगभग 300 लोगों को आजीविका व नौकरी का नुकसान होगा। वे इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हैं।
आरएमडी झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश में कुल 10 खानों का संचालन करता है। सेल के दुर्गापुर और इस्को स्टील प्लांटों को आरएमडी से लौह अयस्क मिलता है। आरएमडी के बंद होने से बंगाल में स्थित इन दोनों इस्पात संयंत्रों का अस्तित्व दांव पर लग जाएगा, क्योंकि प्रस्तावित व्यवस्था में इन प्लांटों के अधीन कोई लौह अयस्क खदान नही आएगी।