नई दिल्ली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि के और लोगों के भाजपा संगठन में शामिल होने की संभावना है। इससे पहले जब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम की घोषणा की तो आरएसएस पृष्ठभूमि के दो नेता, जो अमित शाह के शासन के दौरान महासचिव के रूप में काम कर रहे राम माधव और मुरलीधर राव को हटा दिया था। गौर तलब है कि आरएसएस भाजपा का संगठन का मातृ संगठन है। देश में आरएसएस सांस्कृतिक संगठन के रूप में काम करता है।
लेकिन कुछ दिन पहले भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव किए थे। पिछले दिनों भाजपा ने संयुक्त महासचिव (संगठन) वी. सतीश को नवसृजित ‘ऑर्गेनाइजर’ पद पर नियुक्त किया। अन्य संयुक्त महासचिव (संगठन) सौदान सिंह को पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया। संयुक्त संगठनात्मक सचिव शिव प्रकाश उसी पद पर बने रहेंगे, लेकिन उनकी जिम्मेदारी बदल दी गई है।
पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा बंगाल में पार्टी का कामकाज देख रहे शिवप्रकाश अब भोपाल में रहकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा बंगाल का कामकाज देखेंगे। सतीश अब पार्टी के संसदीय कार्यालय, एससी/एसटी मोर्चा तथा इसके विशेष संपर्क कार्यक्रमों के संयोजन का कामकाज संभालेंगे। रायपुर में रहकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार तथा झारखंड में पार्टी का काम कर रहे सौदान सिंह अब चंडीगढ़ में रह कर चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश का कामकाज देखेंगे। ये तीनों नेता- बी सतीश, शिव प्रकाश तथा सौदान सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक हैं।
तीनों संयुक्त महासचिवों (संगठन) की जिम्मेदारियों को बदल दिया गया है, इसलिए अब इनमें से कम से कम दो खाली पदों को भाजपा के नेतृत्व द्वारा जल्द भरा जाना है। तीनों पूर्णकालिक प्रचारक हैं और आरएसएस से जुड़े हुए हैं, इसलिए उन लोगों में से अब दो संयुक्त महासचिवों (संगठन) को शामिल किए जाने की संभावना है जो राज्यों में काम कर रहे हैं या आरएसएस से शामिल हो सकते हैं।