गाजियाबाद
RSS चीफ मोहन भागवत ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। गाजियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक है, फिर वो किसी भी धर्म के क्यों न हों। आगे उन्होंने मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ भी हमला बोला। कहा कि ये लिंचिंग करने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं। भागवत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक है क्योंकि वे अलग नहीं हैं, बल्कि एक हैं। लोगों में पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता है।
पूर्व PM नरसिम्हा राव के सलाहकार की किताब का विमोचन संघ प्रमुख ने यहां गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार की किताब ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल’ का विमोचन किया। इस किताब में
अयोध्या-बाबरी विवाद पर बड़ा खुलासा किया है। डॉ. ख्वाजा ने लिखा है कि अगर नेता और बुद्धिजीवी सही तरीके से इसपर बातचीत करते तो ये विवाद पहले ही शांत हो गया होता। उन्होंने लिखा है कि अगर बातचीत से इसका समाधान निकलता तो मुसलमानों को बहुत कुछ मिल सकता था। डॉ. इफ्तिखार अयोध्या के राम मंदिर विवाद में बनाई गई अटल हिमायत कमेटी के महत्वपूर्ण सदस्य भी रहे हैं।
क्या-क्या है किताब में ?
किताब में पिछले 100 साल (1920-2020) के अंदर देश में हुई घटनाओं का जिक्र किया गया है।
किताब में राम जन्मभूमि विवाद का भी किस्सा है। बताया गया है कि कैसे देश के मुस्लिमों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकारा।
पूर्व पीएम राजीव गांधी, पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के उस वक्त लिए गए फैसलों का उदाहरण दिया गया है।
पीएम मोदी की तारीफ
डॉ. इफ्तिखार ने अपनी किताब में RSS को वैचारिक संगठन बताया है। लिखा है कि इसका प्रभाव काफी बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की गई है। एक पैराग्राफ में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए बताया गया है कि AMU को कट्टरवादी लोग निशाना बनाते रहे हैं, लेकिन इसकी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर ऑनलाइन कार्यक्रम में PM नरेंद्र मोदी ने शिरकत करके उन्हें करारा जवाब दिया है।
विमोचन से पहले देश के 500 लोगों तक पहुंची पुस्तक
पुस्तक का विमोचन पूर्व में दिल्ली के विज्ञान भवन में होना था। कोरोना के चलते कार्यक्रम टल गया। अब इसके लिए गाजियाबाद को चुना गया। यह कार्यक्रम 4 जुलाई की शाम 5 से 7 बजे तक होगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम में सिर्फ 30-40 महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहेंगे। हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में लिखी गई यह पुस्तक विमोचन से पूर्व देशभर के 500 धर्मगुरुओं, शिक्षाविदों और मुस्लिम समाज के प्रभावी लोगों तक पहुंच गई है। RSS के मुताबिक, यह पुस्तक मुस्लिम समाज के हर प्रभावी व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश होगी।
इंद्रेश बोले- समस्या समाधान को टकराव नहीं, संवाद जरूरी
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख इंद्रेश कुमार ने इस किताब के बारे में अपने फेसबुक पेज पर लिखा- ‘अनेक वर्षों से कट्टरपंथी व राजनीतिक द्वेष वाले नेताओं ने मुसलमानों को यह समझाया है कि
RSS-BJP उनके दुश्मन हैं, लेकिन ऐसा नहीं है’। यह पुस्तक इस बात का आह्वान करेगी कि RSS-BJP से नफरत नहीं, संवाद करेंगे। फसाद नहीं, भाईचारा लाएंगे। इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए भयानक आलोचना और टकराव नहीं, बल्कि सौहार्दपूर्ण संवाद जरूरी है।