कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (RPN Singh) आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस की आलोचना के साथ पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने योगी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने वाले गाने ‘यूपी में का बा’ का गाने के अंदाज में ही जवाब दिया.
आरपीएन सिंह ने कहा, ”भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का निर्माण बा. गुंडागर्दी और गुंडन की समाप्ती बा. बुझी रउड़ा. कुछ साल पहले मालूम रहनी न..कौन तरह से गुंडई होत रहल…किस तरह के बदमाशी होत रहल. सब बंद हो गईल बा न. लोग के परेशानी बा. बुझनी…लाठी बा, डंडा बा. सोझ रहअ…न तो पुलिस ठीक कर दी. डबल इंजन की सरकार और योगी जी ठीक कर दीं.” नेहा सिंह राठौड़ ने यूपी में का बा गाना गाकर यूपी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए आरपीएन सिंह ने कहा पहले जो सपने में सोचा जाता था, उसे जमीन पर अब उतारा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 32 सालों तक एक पार्टी में रहा और ईमानदारी और मेहनत से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया. लेकिन अब वह वैसी रह नहीं गई जो थी…ना ही वह सोच रह गई है, जब मैंने वहां शुरुआत की थी.’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद के सदस्य रहे आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें पिछले कुछ समय से लगाई जा रही थी.वह कांग्रेस में अलग-थलग महसूस कर रहे थे.
वह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए जारी की गई स्टार प्रचारकों की सूची में भी उनका नाम था.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जारी प्रचार अभियान के बीच आरपीएन सिंह का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. सिंह से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.
कुशीनगर जिले के पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. उन्होंने पडरौना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996, 2002 और वर्ष 2007 में जीत दर्ज की थी. इसके बाद वह कुशीनगर से 2009 के लोकसभा चुनाव में जीतकर वह सांसद बने और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली. हालांकि, इसके बाद के चुनावों में उन्हें लगातार हार का ही सामना करना पड़ा.