कला संगम के महासागर में भोजपुरी गीतों ने मचाया धमाल
चांडिल : हारुडीह-धातकीडीह के ऐतिहासिक सरस्वती मेला गीत-नृत्य कला संगम का महासागर है। इस मेला में सात दिन तक बंगला, भोजपुरी, संथाली, नागपुरी, उड़िया आदि विभिन्न भाषाओं के गीत-संगीत में वातावरण सुरमयी हो गया है। मेला के अंतिम दिन बुधवार को सरस्वती माता की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जमशेदपुर के कलाकारों द्वारा भोजपुरी गीतों में नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया। चिंटू पांडे के भोजपुरी गीत ” नंबर पे उसके किया टेलीफोन, कोई उठा बोला हैलो बोलो कौन, नंबर पे यूके मेन किया टेलीफोन कोई उठा बोला हैलो बोलो कौन” आदि ने दर्शकों को जमकर झुमाया। इसके साथ ही ”वनलता झुमुर” द्वारा कर्णप्रिय झुमुर गीत प्रस्तुत किया गया।
संगीत कलाप्रेमी रुद्रप्रताप महतो ने कहा कि भोजपुरी भाषा का उदगम 7 वीं सदी में भोजपुर जिला के पवित्र माटी से हुआ। भोजपुरी भाषा के गीत देश के साथ विदेशों में भी लोकप्रिय है। इन गीतों के धुन दर्शकों को मनोरंजन करने के लिए आकर्षक सुर-ताल से सजाया जाता है। इस अवसर पर मेला कमिटी के अध्यक्ष ठाकुरदास महतो, सचिव लक्ष्मीकांत महतो उर्फ गिडु कुड़मी, सोनाराम बेसरा, नंदलाल हांसदा, कार्तिक रजवाड़, साधु प्रमाणिक, जय शंकर महतो, सुजीत कुमार महतो, जितेन कर्मकार, सनत महतो, दीपक महतो, गिरिधारी कुड़मी, कृष्ण महतो, निमाई महतो, भास्कर महतो, चंद्रमोहन महतो, नरेंद्र नाथ महतो, खिरोद वरण महतो, राजेश रजवाड़, अनिल मुखी, राजेश कालिंदी, भूषण महतो, सुभाष महतो, बुधेश्वर महतो, बुकाराम महतो, शिव महतो, धर्मेंद्र सिंह, सनत महतो, सुभाष महतो, दीपक महतो, गिरिधारी महतो, चौहान महतो, संदीप महतो आदि उपस्थित थे।