विधानसभा घेरने गए भाजपाइयों पर लाठीचार्ज, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, रांची के सांसद समेत 100 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल

रांची: झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे के आदेश को वापस करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, रांची के सांसद संजय सेठ, महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव समेत 100 कार्यकर्ता घायल हो गए हैं।
ये अरगोड़ा चौक से विधानसभा में प्रदर्शन करने जा रहे थे। इसी क्रम में पुलिस इन्हें जग्न्नाथपुर मंदिर के पास रोकने का प्रयास कर रही थी। सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि कार्यकर्ता दो लेयर बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ रहे थे। वे पुलिस को सहयोग नहीं कर रहे थे। पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। इतने में भी नहीं माने तब लाठी चार्ज करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इसमें हटिया एएसपी समेत 3-4 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
झारखंड बंद करने की तैयारी में भाजपा
घायलों का इलाज रांची के रिम्स और पारस हॉस्पिटल में चल रहा है। यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घायल अवस्था में ही जाकर उनसे मिले। भाजपा शुक्रवार या शनिवार को राज्यव्यापी बंदी की घोषणा कर सकती है।

मरांडी ने कहा- ‘सरकार नियोजन नीति, बेरोजगारी, बेकारी पर चर्चा नहीं करना चाहती है। कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय के बाद भी सरकार इससे भाग रही है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। इसके बावजूद धर्म विशेष के लिए कमरा आवंटित किया गया है। विधानसभा में धर्म विशेष के लिए कमरा आवंटित करना सही नहीं हैं। अगर राज्य को मजहबी राज्य बनाने की कोशिश हुई तो पार्टी इसका विरोध करेगी। आज इसी के विरोध में राज्य भर के लोग विधानसभा घेराव करने पहुंच रहे हैं।
लाठीचार्ज के बाद पार्टी के बड़े नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा- महिलाओं और निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया है। भाजपा सिर्फ नमाज के लिए अलग कमरे के आदेश को वापस लेने की मांग करने जा रही थी। इसके बाद हमला किया गया है। रांची की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में विधानसभा की तरफ कूच कर रहे हैं।
जुलूस में पार्टी के विधायकों और सांसदों के अलावा राज्य के पूर्व ष्टरू रघुवर दास खुद शामिल हैं। उन्होंने कहा- ‘पहले ही स्पीकर को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वे अपना फैसला वापस लें। वापस नहीं लेने पर विधानसभा के गेट पर धरना देंगे। बाप-दादा की राजनीति नहीं संघर्ष की राजनीति किया हूं।

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