राम लला गर्भगृह में विराजमान होंगे,मंदिर वहीं बन रहा, तारीख भी आ गई

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अयोध्या भारत की विरासत, परंपरा, सांस्कृतिक इतिहास और धार्मिक मूल्यों में गहरे तक धंसा हुआ है। अयोध्या वीतरागी है। अयोध्या की कलकल बहती सरयू की धार में एक तरह की निसंगता है। भक्ति में डूबी अयोध्या का चरित्र अपने नायक की तरह ही धीर, शांत और निरपेक्ष है। जाद भारत में अयोध्या को लेकर बेइंतहां बहसें हुईं। साथ ही अयोध्या का जिक्र होता है तो राम मंदिर आंदोलन का भी जिक्र होता है। साथ ही एक नारे का भी राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लेकिन अक्सर विरोधियों की तरफ से तंज भरे स्वर कटाक्ष करते हुए कहा जाता था कि ‘तारीख नहीं बताएंगे’। लेकिन रमालला के नाम जमीन के हक पर हस्ताक्षर के साथ ही वो तारीख भी आ गई जिसकी प्रतीक्षा प्रमु राम के वनवास से भी बड़ी हो गई थी।

राम लला विराजमान होंगे

अयोध्या में राम लला के गर्भगृह में विराजमान होने की तारीख हो गई। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 24 जनवरी को राम लला गर्भगृह में विराजमान होंगे। आचार्य सत्येंद्र दास जी ने कहा कि गर्भगृह लाल पत्थर से बन रहा है… मंदिर की प्रगति का कार्य 2023 में पूरा हो जाएगा। शुभ मुहूर्त जनवरी 24, 2024 को पड़ रहा है। इस दिन राम लला गर्भगृह में विराजमान होगें।

क्यों कहा जाता है राम लला

प्रभु राम तो राम हैं ऐसे में राम के साथ ‘लला’ शब्द कैसे ज़ुड़ गया इसकी कहानी आपको बताते हैं। 1949 में बाबरी मस्जिद वहां पर हुआ करती थी। गुंबद के ठीक नीचे राम की प्रतिमा रख दी गई। ये प्रतिमा राम के बाल रूप की थी। अगली सुबह पूरे इलाके में खबर फैल गई कि रामलला प्रकट हुए हैं। मूर्ति रखने वाले क्योंकि गुबंद के नीचे राम के जन्म की बात को बल देना चाहते थे। तो उन्होंने राम के साथ लला लगाया। संदेश ये कि राम प्रकट हुए छोटे बालक हैं लला हैं।

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