Dhanbad,11 April : धनबाद जिला का राजगंज थाना पिछले एक दशक से झारखंड के सर्वाधिक मलाइदार थानों में शुमार हो गया है। इस थाना ने रामगढ़,बरही, शिकारीपाड़ा,नाला,निरसा,खेलारी, चांडिल, बहरागोड़ा , आदित्यपुर , साकची आदि सबको पीछे छोड़ दिया है।थाना की कुर्सी मिलने के बाद महज छह महीने में थानेदार करोड़पति बन जाता है।यहां की थानेदारी कर लेने के बाद दारोगा जी पूरे सूबे में किसी भी जिलाबल में किसी थाने की कुर्सी के लिए बोली लगाने में सक्षम हो जाते है। इस थाना की कुर्सी के बाद अपने पूरे सेवाकाल में दारोगा जी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते ।यहीं से उनके जीवन का काया कल्प हो जाता है। जमीन जायदाद, घर मकान ,सोने की बिस्किट,रजत मुद्रा सहित बेनामी सम्पति का खेल शुरू हो जाता है।
आज की तारीख में जी टी रोड पर राजगंज थाने की माहवारी प्रैक्टिस 20 – 25 लाख रुपए से ऊपर है। चिमनी ईंट भट्ठा से 8 लाख, अवैध बालू से 3 लाख,कोयला तस्कर बाइकर्स से 3 लाख, कोयला लदा स्कूटर पकड़ो छोड़ो से 1 लाख,अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर चोरी छिपे चलायमान अवैध कोयला डिपुओं से लाख दो लाख,लोहा तस्करों से 1 लाख, धावाचिता में संचालित अवैध डीजल कटिंग से 50 हजार,जीटी रोड पर बंगाल – बिहार की भांति भांति की पासिंग से 5 लाख। इसके अतिरिक्त गुटका विक्रेताओं, होटल संचालकों,शराब कारोबारियों से धर पकड़ के बहाने लाख दो लाख। पत्थर तस्करों से एक आध लाख।
तभी तो राजगंज की कुर्सी मिलने के मात्र ढाई तीन माह के भीतर जीटी रोड पर अपने एक रिश्तेदार के साथ महंगी जमीन की यू ही खरीद नही हो सकती है। थाने में एक शयन कक्ष के साथ मेहमानों के ठहराव के लिए एक अन्य कमरे में मंहगा AC लगा हुआ है ।होली के पूर्व इस क्षेत्र के लुसाडीह,डोमन पुर,शिवशंकर होटल के समीप अवैध कोयला डिपो का खूब संचालन हुआ। ये सब अतिरिक्त आमदनी का जरिया था।
विदित हो जी टी रोड के थाने उस समय से चर्चित हैं जब पुर्जी पर कोयले का पास जारी होता था और एक ऐसे ही थाना के थानेदार अखंड बिहार के समय डी जी पी तक को कंट्रोल करते थे।