Rajdhani Train : खुशखबरी ! अब आंधी की रफ्तार से दौड़ेगी यह गाड़ी!! 60 से 90 मिनट पहले तय होगी सफर

New Delhi,11 March: रेल यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे कई सेवाएं उपलब्ध कराता है। इसी कड़ी में राजधानी एक्सप्रेस ने 12 ऐसी ट्रेनें तैयार की हैं, जो यात्रियों को बेहद कम समय में नई दिल्ली से मुंबई और कोलकाता पहुंचा देंगी। इस संदर्भ में अधिकारियों ने कहा कि इन रूट्स पर यात्री अब पहले के मुकाबले 60 से 90 मिनट जल्दी सफर तय कर लेंगे। इस तकनीक का नाम ‘पुश-पुल मोड’ है। आने वाले दिनों में सभी राजधानी ट्रेनों को ‘पुश-पुल मोड’ से लैस करने की योजना है।

राजधानी ट्रेनों में यह इंजन लगाने से ट्रेन की गति बढ़ जाएगी और यह अपने गंतव्य स्टेशन तक जल्दी पहुंचेगी। इस तकनीक के कईं फायदे हैं जैसे- इससे ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ेगी, यात्रा के समय में कमी आएगी, आरामदायक सवारी (जर्क मुक्त) होगी और इसकी लागत भी कम होगी।

160 किलोमीटर की रफ्तार से पूरा होगा सफर

राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन अब आने वाले दिनों में अपना पूरा सफर 160 किलोमीटर की रफ्तार से पूरा करेगी।
रेलगाड़ियों को मौजूदा रोलिंग स्टॉक (इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव और एलएचबी कोच) के साथ चलाया जा सकता है। इसके अलावा यह शोर और प्रदूषण फैलाने वाली पावर कारों को भी हटा सकता है, जिससे कीमती डीजल की बचत होगी।

2016 में पहली बार हुआ था ट्रायल

सबसे पहले रेलवे ने साल 2016 में जयपुर से जोधपुर तक पुश-पुल लोकोमोटिव का ट्रायल किया था। एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले समय में शताब्दी में भी पुश-पुल मोड का इस्तेमाल किया जाएगा। साल 2018 में यह सामने आया था कि अगर इस तकनीक का इस्तेमाल राजधानी के अलावा दूरंतो, एसी एक्सप्रेस और गरीब रथ में भी इस्तेमाल किया जाता है तो फिर रेलवे को सालाना छह करोड़ रुपये की बचत होगी। पूरी ट्रेन के एसी और बिजली के अन्य उपकरणों को इन दो इंजन से खपत पूरी हो जाएगी। अभी मुबंई राजधानी 1386 किलोमीटर का सफर 15 घंटे और 35 मिनट में पूरा करती है।

साल 2019 में रेलवे के एक अधिकारी ने बताया ता कि, ‘दो इंजन लगाने की पहल पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट है। इसमें बिना अतिरिक्त खर्च के ट्रेन की गति बढ़ेगी और सफर का समय कम होगा। इसके बाद ट्रेन के इंजन को हटाने और लगाने की परेशानी भी खत्म होगी।’ सभी राजधानी एक्सप्रेस में यह नई व्यवस्था लागू होगी। इसके जरिए बिना किसी अतिरिक्त खर्च के ट्रेन की औसत गति बढ़ाई जा सकेगी। राजधानी ट्रेन की गति बढ़ने से बाकी ट्रेनों को भी बेहतर करने के विकल्प तैयार होंगे।

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