Jamshedpur ,6 March : जुगसलाई में विकास रोडवेज
बाल्टी फैक्टरी के अंदर शिव घाट रोड , एम ई स्कूल रोड
में एक बड़ी छापामारी हुई जहां काफी मात्रा में अवैध एवं गैरकानूनी ढंग से लाई गई स्प्रीट की ज़ब्ती की सूचना है। छापामारी में बिहार की टीम के भी आने की खबर है माना जा रहा है कि बिहार में हुए शराब कांड से इस छापामारी का कनेक्शन है शराब बनाने में स्प्रिट का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। विकास पहले खेरवाल रोडवेज में काम करता था बाद में उसने अपना विकास रोडवेज शुरू किया है। पूरे जुगसलाई में इस कार्रवाई से सनसनी फैल गयी है। छापामारी में कोई विजिलेंस टीम लगी है।टीम के सदस्यों का कहना है कि होली के अवसर पर बिहार में शराब की सप्लाई करने के लिए यहां पर तैयारी चल रही थी, इससे पहले बिहार की मद्य निषेध प्रभाग की टीम को इसकी सूचना मिल गई.
बिहार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार मद्य निषेध प्रभाग की टीम की ओर से झारखंड के जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, कोडरमा, हजारीबाग समेत कई जगहों पर छापेमारी की गई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को हरियाणा से पकड़े गए नवीन कुमार से पूछताछ में मद्य निषेध प्रभाग की टीम को सूचना मिला थी कि वो झारखंड के बड़े कारोबारी के सहयोग से बिहार में शराब की सप्लाई कर रहा है.
विभाग को बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित इंजेक्शन की खेप बरामद हुई है। इसे जब्त कर जांच के लिए भारत सरकार की लैब में भेजा जा रहा है। जांच हेतु भेजने की तैयारी की जा रही है। जब्त किए गए इंजेक्शन पर ऑक्सीटॉसिन लिखा है। दवा के हानिकारक प्रभाव के कारण इस पर प्रतिबंध है।
जमशेदपुर ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि पटना से जमशेदपुर में प्रतिबंधित दवाओं की खेप आ रही है। इस सूचना के आलोक में यह कार्रवाई की गई। इस दौरान 17 पेटी प्रतिबंधित इंजेक्शन ऑक्सीटॉसिन बरामद किया गया है। पूछताछ के लिए ट्रांसपोर्ट के मालिक को तलब किया गया है। अगर वह दवा के वास्तविक मालिक की जानकारी उपलब्ध करा देंगे तो प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री में शामिल असली माफिया तक पहुंचा जा सकेगा। अगर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती तो ट्रांसपोर्टर के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक कंट्रोल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि छापेमारी की कार्रवाई के दौरान ट्रांसपोर्टर नदारद रहे।
इस लिए इस्तेमाल होती है दवा
विशेषज्ञों की माने तो जब्त किए गए इंजेक्शन के बहुत सारे हानिकारक प्रभाव को देखते हुए इस बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके बावजूद लाभ के लिए गई जगहों पर इसका उत्पादन और वितरण किया जा रहा है। इस दवा का इस्तेमाल पशुओं व फल-सब्जियों तक पर किया जाता रहा है। बताया जाता है कि इसे दूध व सब्जियों के जरिए हानिकारक तत्व शरीर में चले जाते हैं। कई बार लाभ के लिए पशु पालक व सब्जी की खेती करने वाले लोग इस दवा का इस्तेमाल करते हैं।