वीर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी चौतरफा घिरते जा रहे हैं। एक ओर जहां उनके सहयोगी शिवसेना ने उनकी टिप्पणी पर ऐतराज जताया है वहीं भाजपा भी हमलावर है। राहुल गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अपमान करते हुए दावा किया कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। राहुल गांधी ने इस संबंध में कुछ दस्तावेज भी पेश किये और दावा किया कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और भय के चलते उन्हें दया याचिका लिखी थी। इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा तो ना सिर्फ भाजपा और उसके साथी दलों ने राहुल गांधी को घेरा बल्कि एमवीए में शामिल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी राहुल गांधी के बयान से पल्ला झाड़ लिया। लेकिन सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी ने जो दस्तावेज पेश किये और जो दावे किये वह सही थे?
दूसरी ओर, महात्मा गांधी का जो पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है उसको लेकर भी तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि ब्रिटिश शासन के दौरान ऐसे पत्र लिखा जाना आम बात थी और यहां तक कि महात्मा गांधी भी इस तरह के पत्र लिखते थे और भाषा तथा पत्र लिखने का तरीका उस समय ऐसा ही था। महात्मा गांधी का पत्र जारी करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी से पूछा है कि क्या गांधीजी ने भी अंग्रेजों से माफी मांगी थी?