नई दिल्ली 5 अगस्त
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को राहत दी, इसके साथ ही यह तय हो गया कि उनकी संसद सदस्यता की बहाली का रास्ता अब साफ है. यानी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर से एक सांसद की हैसियत से सदन में पहुंचेंगे और सत्ता के साथ मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही यह भी कयास लगाए जाने लगे कि वह अब अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा भी सदन में कर सकते हैं, उसका हिस्सा बन सकते हैं, जिसकी चर्चा 8 अगस्त को शुरू होने वाली है.
…लेकिन जितनी सपाट और आसानी से ये इंट्रो लिखा गया है, राहुल गांधी की सांसदी बहाली की राह इतनी आसान दिख तो नहीं रही है. नया-नया बना आईएनडीआईए ्र गठबंधन भी चाह रहा है कि जल्द से जल्द राहुल गांधी की सदन में वापसी हो. कांग्रेस तो इसके लिए पुरजोर कोशिश तो कर ही रही है, लेकिन उसकी कोशिश किसी भी कोने से सफल होती नहीं दिख रही है तो आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी और केंद्र सरकार यानी सत्ता पक्ष जानबूझ कर इस मामले में देरी कर रहा है.
मल्लिकार्जुन खडग़े ने कही थी ये बात
कुछ ऐसी ही बात शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने प्रेस वार्ता के दौरान कही थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि जब सदस्यता छीनी जानी थी, तब तो 24 घंटे में सारी प्रक्रिया अपना ली गई थी, लेकिन देखते हैं कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल किए जाने में अब कितना वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि हम देखेंगे और इंतजार करेंगे. सूरत से हजार-12 सौ किलोमीटर दूर से आदेश और उसकी कॉपी तो तुरंत आ गए, तुरंत ही नोटिफिकेशन भी आ गया, अब तो मामला दिल्ली में ही है. सुप्रीम कोर्ट से कुछ किलोमीटर की दूरी है, देखें ये दूरी कब तक तय हो पाती है?
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाकर उनकी संसद सदस्यता लौटने का रास्ता साफ कर दिया, हालांकि अभी तक सदस्यता की बहाली नहीं हुई है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगर सोमवार तक ऐसा हो जाता है तो वो सरकार के खिलाफ अविश्वास चर्चा की शुरुआत भी कर सकते हैं. उधर, राहुल गांधी की राहत से आईएनडीआईए के नेता भी खुश हैं, लेकिन बीजेपी ने कहा है कि सजा पर सिर्फ रोक लगी है वो खत्म नहीं हुई है.
मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह
खास बात ये भी है कि ये मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह है. इससे ठीक पहले राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. ऐसे में कांग्रेस ने राहुल गांधी की संसद वापसी के लिए पूरा जोर लगा दिया है. कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी सोमवार को संसद में नजर आएं और साथ ही 8 अगस्त से शुरू हो रहे अविश्वास प्रस्ताव का हिस्सा बने, लेकिन खींचतान का खेल जारी है. क्योंकि राहुल गांधी को अब तक सदस्यता वापस नहीं मिली है.
‘चि_ी पर साइन तो कर दिए, मुहर नहीं लगाई’
इस मामसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन का कहना है कि उन्होंने कल स्पीकर से राहुल की सदस्यता को लेकर बात की थी, जिसके बाद स्पीकर ने अधीर रंजन को आज (शनिवार) का समय दिया था. आज जब स्पीकर को फोन किया गया तो उन्होंने सेक्रेटरी जनरल से बातकर डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा. इस पर जब सेक्रेटरी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि आज ऑफिस बंद है. उन्होंने डॉक्यूमेंट स्पीकर को देने के लिए कहा, जिसके बाद चि_ी पोस्ट कर दी गई. अधीर रंजन के मुताबिक, चि_ी पर साइन तो कर दिया गया, लेकिन स्टैंप नहीं लगा है. ऐसे में कांग्रेस लगातार मांग कर रही है कि जिस रफ्तार से राहुल गांधी की सदस्यता छीनी गई थी, उसी रफ्तार से राहुल की सदस्यता वापस आनी चाहिए.
जब बंगला खाली कराया गया उस दिन छुट्टी थी: अधीर रंजन चौधरी
अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि जब उन्हें दोषी करार दिया गया तो अगले 26 घंटों में राहुल गांधी की सदस्यता जा चुकी थी. इसके बाद जब उनसे बंगला खाली कराया गया तो मुझे याद है कि उस दिन अवकाश का दिन था. वह कहते हैं कि उस दिन भी अवकाश था और आज भी छुट्टी है. जब इन कार्यों को करने में छुट्टी वाला दिन नहीं देखा गया तो अब क्यों? खैर, हम बस इतना चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द सदन में वापसी करें. राहुल गांधी मामले की वकालत कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि, अब देखते हैं कितनी देरी में सदस्यता बहाल होती है.
जयराम रमेश ने किया ट्वीट
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली में देरी को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि, ‘ सूरत में सत्र न्यायालय द्वारा “दोषी” ठहराया गया, सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता की अधिसूचना जारी की गई. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनकी पूरी तरह से अनुचित दोषसिद्धि पर रोक लगाए हुए 26 घंटे बीत चुके हैं. सांसद के रूप में उनका पद अभी तक बहाल क्यों नहीं किया गया? क्या प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने का डर है?’