MP निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया

भाजपा MP निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है.उन्होंने राहुल गांधी पर संविधान के सिद्धांतों की गलत व्याख्या और गलत और फैक्ट्स सामने लाकर लोगों को उकसाने का आरोप लगाया। ] उन्होंने कहा कि गांधी का एकमात्र उद्देश्य लोगों को देश के खिलाफ उकसाना था ताकि वे हिंसक गतिविधियों में शामिल हो जाएं।
यह विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना ​​है। नियमों के तहत ऐसा करना दंडनीय है। इस विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर गांधी या कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
दुबे ने गांधी को स्क्रिप्ट रीडर और ड्राइंग-रूम राजनेता कहा
निशिकांत ने अपने नोटिस में कहा कि राहुल ने संविधान की प्रस्तावना को भी नहीं पढ़ा है, जिसमें कहा गया है कि हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्त्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना में गणतंत्र शब्द के प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत हर तरह से एक राष्ट्र है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये नॉर्मल फैक्ट राहुल गांधी जैसे अनुभवी सांसद को समझ नहीं आ रहा है।
साबित हुआ तो राहुल को मिलेगी ये सजा
राज्यसभा रूलबुक चैप्टर 16 के मुताबिक विशेषाधिकार के उल्लंघन या सदन की अवमानना ​​​​का दोषी पाए जाने वाले को कारावास दिया जा सकता है या फिर चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है। इसके अलावा दोषी का सदन से निलंबन और निष्कासन भी किया जा सकता है।
अधीर रंजन ने किया था पेगासस पर राहुल के भाषण का बचाव
बुधवार को संसद में राहुल गांधी ने पेगासस और चीन-पाकिस्तान पर टिप्पणी की थी। कानून मंत्री किरन रिजिजू ने राहुल के बयानों करते हुए कहा कि राहुल गांधी को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी राहुल के बचाव में बोले कि राहुल के भाषण से भाजपा में खलबली मच गई है। किरन रिजिजू को राहुल पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। पेगासस का मुद्दा ज्यूडिशियल मुद्दा नहीं बल्कि देश का मुद्दा है। सदन के अंदर इस पर चर्चा करना हमारा अधिकार है यह बात उनको पता होनी चाहिए।
राहुल गांधी को लोकतंत्र में विश्वास नहीं- कानून मंत्री
किरन रिजिजू ने लोकसभा में राहुल की टिप्पणी पर कहा था कि न केवल भारत के कानून मंत्री के रूप में बल्कि एक सामान्य नागरिक के रूप में, राहुल गांधी ने भारत की न्यायपालिका और चुनाव आयोग के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसकी मैं निंदा करता हूं। ये हमारे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। राहुल गांधी को तुरंत लोगों, न्यायपालिका और चुनाव आयोग से माफी मांगनी चाहिए।
कानून मंत्री ने आगे कहा, ‘हम जानते हैं कि राहुल गांधी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं और उन्हें संवैधानिक संस्थाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है। हम उनकी आदतन मूर्खतापूर्ण टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन उन्होंने संसद भवन से संवैधानिक संस्थाओं के बारे में कहा है, इसलिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।’

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