: मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस के अलावा 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ब्रेकफास्ट मीटिंग में हिस्सा लिया. नाश्ते और बैठक के बाद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मंहगाई के खिलाफ संसद भवन तक साइकिल मार्च निकाला.राहुल गांधी ने संसद में विपक्षी दलों के नेताओं को संसद भवन के करीब कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सुबह के नाश्ते पर आमंत्रित किया था. नाश्ते के बाद हुई विपक्ष की बैठक में सभी दलों ने विपक्षी एकता कायम करने पर जोर दिया. हालांकि बीएसपी और आम आदमी पार्टी इस बैठक से दूर रही.
पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों के खिलाफ साइकिल चला कर संसद पहुंचे राहुल गांधी ने प्रदर्शन के दौरान तो कोई बयान नहीं दिया हालांकि बाद में मंहगाई को लेकर मोदी सरकार के अच्छे दिनों के नारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने ट्वीट किया और कहा, “ना हमारे चेहरे जरूरी हैं, ना हमारे नाम. बस ये जरूरी है कि हम जन प्रतिनिधि हैं- हर एक चेहरे में देश की जनता के करोड़ों चेहरे हैं जो महंगाई से परेशान हैं. यही हैं अच्छे दिन?”
वहीं विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि सरकार विपक्ष का ही नहीं बल्कि 60 फीसदी जनता का भी अपमान कर रही है. विपक्षी एकता को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए राहुल ने यह भी कहा कि विपक्ष की आवाज जितनी मजबूत होगी उतना ही बीजेपी-आरएसएस के लिए इसे दबाना मुश्किल होगा. राहुल ने कहा कि पार्टियों के बीच विचारों को लेकर मतभेद हो सकते हैं लेकिन एकता की बुनियाद मजबूत होनी चाहिए.
वहीं, राहुल के इस नाश्ते पर चर्चा को कांग्रेस पार्टी ने 2024 की तस्वीर बताया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा सभी दलों ने माना है कि देश पार्टियों से बड़ा है. यह ऐतिहासिक दिवस है. पेगासस जासूसी मामले में विपक्ष की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की अगुवाई करने वाले राहुल गांधी ने विपक्षी सांसदों के साथ साइकिल मार्च कर मंहगाई के मुद्दे पर भी विपक्ष की अगुवाई करने का संदेश दिया. लेकिन विपक्ष की इस एकजुटता का चेहरा क्या राहुल गांधी बनेंगे इस सवाल का जवाब ना तो कांग्रेस पार्टी ही दे रही है ना ही अन्य विपक्षी दल. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस सवाल को कहा अप्रासंगिक करार दिया.