सेना के जज्बे व बलिदान को शहर के देशभक्तों ने किया सलाम, बारीडीह में पूर्व सैनिक सेवा परिषद का कारगिल दिवस सह सम्मान समारोह

जमशेदपुर, 30 जुलाई (रिपोर्टर) : वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटानेवाली भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों ने बारीडीह रिक्रिएशन क्लब सभागार में वीर सम्मान समारोह आयोजित किया. पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आयोजित समारोह में शहरवासियों ने देश के वीर सैनिकों के प्रति अटूट प्यार व सम्मान प्रदर्शित किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुप्ता के अलावा विशिष्ट अतिथियों के रुप में सांसद विद्युत वरण महतो, पत्रकार संजय मिश्रा एवं नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले आदि मौजदू थे. अतिथियों का स्वागत संगठन के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने किया. समारोह में फौजियों पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. जेपीएस की भारती बनर्जी, हिंदुस्तान मित्र मंडल के संदीप, एनटीटीएफ के दीपक सरकार, फिजिकल डिफेंस एकेडमी मनोज सिंह के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने नृत्य नाटिका के माध्यम से कारगिल के शहीदों की शहादत को प्रस्तुत किया. मौके पर क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष शिव शंकर सिंह, राजकुमार सिंह, एसबीआई टेल्को के चीफ मैनेजर सौरव चक्रवर्ती, टाटा मोटर्स के जीएम जीवराज सिंह संधू ने भी अपनी बातें रखी.

सेना की हिम्मत व पराक्रम की गवाह : कर्नल गुप्ता
स्टेशन हेडक्वार्टर के एडीएम कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुप्ता ने कहा कि यह युद्ध में भारतीय सेना की हिम्मत, पराक्रम और श्रेष्ठता की गवाह बनी. हमारे सैनिकों ने शहादत देकर ऊंची चोटी पर बैठे पाकिस्तानी सैनिकों को साफ कर दिया और अपनी जमीन और चोटी वापस पा ली.

हर भारतीय के लिए गर्व का दिन : विद्युत
सांसद विद्युत वरण महतो ने कारगिल के युद्ध वीरों की वीरता को याद करते हुए कहा कि धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए जब भी हाथ उठते हैं तो विजय निश्चित है, भले ही परिस्थिति चाहे कितनी विपरित हो. कारगिल युद्ध इसका उदाहरण है. यह दिन हर भारतीय के लिये गर्व का दिन है.

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत : काले
हर हर महादेव सेवा संघ के संरक्षक एवं नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि कारगिल में भारतीय सैनिकों ने जिस पराक्रम का परिचय दिया उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता. देश के सैनिकों ने कारगिल की चोटियों को पाकिस्तानी सैनिकों से मुक्त कराने के लिए शहादत दी और अपनी जगह वापस पा ली.

इन वीरों का हुआ सम्मान : मानिक वरदा, दिलीप बेसरा, गणेश हांसदा के परिवार, सत्येंद्र सिंह, बिरजू कुमार, केएम सिंह, विनय कुमार यादव, किशोर कुमार, गोपाल कुमार, विजय कुमार, धनेश्वर बारीक, एम डब्ल्यू, एस के सिंह, नवल किशोर पाठक, दीपक कुमार, उमेश कुमार, जीतेन्द्र सिंह, हरिसिंह सांडेल, कुंडल सिंह, अनुपम शर्मा, गोविंद राव, एल हिरेश कुमार.

समारोह के सफल आयोजन में रही भूमिका
आयोजन को सफल बनाने में उमेश सिंह, के एम सिंह, सुखविंदर सिंह, अवधेश कुमार, सतेन्द्र सिंह, बिरजू कुमार, उमेश शर्मा, दीपक शर्मा, राजेश कुमार, मनोज कुमार सिंह, किशोर कु, सत्या प्रकाश, सिद्धनाथ सिंह, कुंदन सिंह, एस बी सिंह, जसवीर सिंह, हिरेश कुमार, विनेश प्रसाद, रजनीश सिंह, संजय कु सिंह, धनंजय कु निर्दोष, शैलेश सिंह आदि के नाम शामिल है.

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