बैंकों की 16-17 दिसंबर को निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल
कर्मचारियों ने दिया धरना
जमशेदपुरः भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार से दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए चल रहे शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक पेश करने की नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी है,हमारा मानना है की यह संशोधन सिर्फ दो बैंको के नाम पर कर सभी सरकारी बैंको के निजीकरण का रास्ता साफ करने के लिए है।
डीएचएफएल और भूषण स्टील्स सहित 13 बड़े कॉरपोरेट्स के पक्ष में फंसे कर्ज के निपटारे के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पिछले दो वर्षों में 2 लाख 84 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
आई बी सी”(इंसोलवेंसी बैंकरप्सी कोड) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भारी नुकसान मोदी सरकार द्वारा अपनाई गई ‘समाधान नीति’ का परिणाम है। नामक संस्था “एन पी ए” हुए लोन खातों को लोन के मूल पूंजी से भी कम रकम लेकर ” एन पी”” का निपटार कर रही है,जो आम जनता के गाढ़ी कमाई की लूट है।
मोदी सरकार से निजीकरण की बोली को रोकने का आग्रह करते हुए, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) – नौ बैंक यूनियनों के एक छत्र निकाय ने 16-17 दिसंबर को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
इस निजीकरण के खिलाफ संघर्ष की कड़ी में आज का धरना बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा साकची गोलचक्कर के समीप सुबह 11 बजे से संध्या 4बजे तक आयोजित किया गया है। इस धरना में “ए आई बी ई ए,”एन सी बी ई ए” “ए आई बी ओ सी” “बी ई एफ आई” “ए आई बी ओ ए” “इनबेफ” “इनबोक” के सदस्य शामिल हुए।महिला साथियों ने आगे बढ़कर निजीकरण के खिलाफ आयोजित इस धरने में बड़ी संख्या में भाग लिया।
आम जनता ने भी निजीकरण के खिलाफ इस धरने में बैठकर “यू एफ बी यू” को अपना समर्थन दिया।
इस धरना का नेतृत्व ” यू एफ बी यू” के जिला संयोजक रिंटु रजक,”झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन” के महासचिव आर बी सहाय, उप महासचिव कॉम हीरा अरकने,सपन अदख, एन सी बी ई ए” के आर एन पी सिंह, रामजी प्रसाद,कॉम विवेक परासर सिन्हा,कॉम रितेश सिंह, अमृता कुलताज, आईबोक” के सुब्रतो घोष , बेफी के कॉम तापस दास,कॉम डी एन सिंह,”ए आई बी ओ ए” के कॉम गौतम घोष, कॉम बबिता अरकने,
महिला सेल की कॉम प्रीति गुप्ता,कॉम सुष्मिता साहू,कॉम श्रुति कुमारी,कॉम अंजली,कॉम खुशबू मुंडा ,कॉम कुलकांत ,कॉम प्रेम लाल साहू,कॉम आशीष दत्ता,कॉम दुर्गा lohra, अलावे भारी संख्या में बैंक कर्मचारी मौजूद थे।