अलाकमान का प्रेशर : 24 घंटे में ही समीर मोहंती का ‘यू टर्न’ कहा पत्र फर्जी, होगी जांच : कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति को बताया कारण

जमशेदपुर, 15 जून (रिपोर्टर) : जमशेदपुर संसदीय सीट से गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी रहे बहरागोड़ा के झामुमो विधायक समीर महंती ने चुनाव में कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे द्वारा घपला करने संबंधी पत्र लिखने के मात्र 24 घंटे में ही ‘यू टर्न’ ले लिया है. कांग्रेस व झामुमो अलाकमान के दबाव से अब वे उक्त पत्र को ही फर्जी करार दे रहे हैं. उनका हना है कि ऐसा कोई पत्र न तो उन्होंने लिखी है और न ही पैसे देने की कोई बात है. आज स्थानीय सर्किट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने गठबंधन के संबंधों को तार-तार करने के लिये ऐसा किया है. हालांकि इसके लिये भी उन्होंने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा किया है. उनका कहना है कि इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति है तथा संभव है कि कांग्रेस के किसी नेता या पदाधिकारी इसे अंजाम दिया है.
समीर ने न सिर्फ पत्र को फर्जी करार दिया, बल्कि उनके हस्ताक्षर व स्टांप के भी दुरुपयोग की बात कही. इसके लिये उन्होंने पार्टी स्तर से जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की बात कही. ज्ञात हो कि समीर के नाम पर पत्र जारी हुआ था, जिसमें झामुमो व कांग्रेस के वरीय नेताओं के नाम था. इसमें उनके द्वारा कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे को 25 लाख देने की बात कही गई थी. इसके बावजूद कांग्रेस जिलाध्यक्ष द्वारा उनके पक्ष में चुनावी कार्य नहीं करने का आरोप था. दरअसल ऐसा कर श्री मोहंती चुनावी खर्च मामले में फंसकर आयोग के रडार पर आ सकते थे. बताया जाता है कि इस पत्र से पूरे राज्य में सनसनी फैलते ही पार्टी स्तर से भी उनपर दबाव आया, जिसके बाद आनन-फानन में उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर ऐसा कोई पत्र जारी करने से इंकार कर दिया.

दूबे समर्थक लिखने लगे भाजपा में शामिल होने की बात
सोशल मीडिया में समीर महंती हो रहे ‘ट्रोल’

समीर के ‘लेटर बम’ फूटते ही आनंद बिहारी दूबे के समर्थक भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गये. उन्होंने डैमेज कंट्रोल करते हुए श्री दूबे के समर्थन में तरह-तरह की दलीलें देने लगे. कई पोस्ट इससे भरे पड़े हैं. दूबे समर्थकों का कहना है कि समीर मोहंती भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के संपर्क में हैं और आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में आस्तिक महतो व कुणाल षाड़ंगी जैसे जिताऊ उम्मीदवार को टिकट लेने नहीं दी. साथ ही उन्हें यह भी आभास हो गया है कि विस चुनाव में उन्हें बहरागोड़ा से पार्टी टिकट नहीं देगी. इसे देखते हुए यह प्रपंच रचा गया. इससे यह भी फायदा होगा कि पूर्वी में श्री दूबे की छवि खराब कर वे भाजपा के संभावित प्रत्याशी को लाभ पहुंचाना चाहते हैं.

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