Chandil,5 April: शुक्रवार रात करीब दो बजे चांडिल थाना अंतर्गत कपाली ओपी के दोमुहानी सड़क स्थित कमारगोड़ा में दुर्घटनाग्रस्त कार से बरामद 3 कुंतल पोस्तु को बाद में पुलिस द्वारा छोड़े जाने का मामला चर्चा में है। तेज रफ्तार से कांदरबेड़ा की ओर से दोमुहानी जा रही इस सफेद रंग की Hyundai i20 कार ने बाइक सवार दंपति को जोरदार टक्कर मार दी थी जिसमें बाइक सवार युवक, उसकी पत्नी और एक बच्चे को चोट आई थी। सूचना मिलने पर कपाली पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और दुर्घटनाग्रस्त कार संख्या JH 05 BA – 5103 को जप्त कर कपाली ओपी ले गयी, जबकि चालक तथा कार में सवार अन्य लोग मौके से फरार हो गए थे।
इस दुर्घटना को लेकर अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। जांच के दौरान उक्त दुर्घटनाग्रस्त कार की डिक्की से पुलिस को तीन क्विंटल पोस्तु मिला । इस विषय मे बाद में पुलिस ने कहा कि यह पोस्तु खरीदकर लाया जा रहा था जिसका जीएसटी बिल भी प्रस्तुत किया गया है। E way bill पर पुलिस मौन साध गयी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार संख्या बुंडू क्षेत्र के विभिन्न गांवों से पोस्तु लाकर जमशेदपुर में बेचा जाता है। शुक्रवार को भी कार की डिक्की में डालकर चार बोरा अवैध पोस्तु लाया जा रहा था। इसी दौरान दुर्घटना हो गई। कार के दुर्घटना होने पर ही इसका खुलासा हुआ। शनिवार शाम को कपाली ओपी प्रभारी बिनोद कुमार सिंह से इस मामले में पूछे जाने पर बताया था कि मामले की अनुसंधान चल रहा हैं।
24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया था। लेकिन, रविवार शाम को पूछे जाने पर ओ पी प्रभारी ने कहा कि कार में मिला पोस्तु रांची से खरीद कर जमशेदपुर सोनारी ले जाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि पोस्तु का जीएसटी बिल (Slip) भी है लेकिन वह मीडिया को नहीं दिखा सकते हैं। यह उनके अधिकार में नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि पोस्तु की रसीद देखना चाहते हैं तो ओपी आना होगा। पुलिस का कहना है कि पोस्तु जमशेदपुर सोनारी स्थित गायत्री स्टोर ले जाया जा रहा था। वहीं, पुलिस ने यह भी दावा किया कि कार से किसी तरह की दुर्घटना नहीं हुई , बल्कि बाइक से बच्चा गिर गया जिसको लेकर ग्रामीणों ने हल्ला मचा दिया था, जिससे डरकर कार चालक व अन्य लोग वहां से भाग गए थे। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना को लेकर किसी तरह की शिकायत सामने नहीं आई हैं। इधर, कमारगोड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि टक्कर मारने वाली कार के मालिक तथा अवैध पोस्तु कारोबारी ने घायल बच्चे का इलाज करवाने की जिम्मेदारी ली है। इसके चलते बच्चे के परिजनों ने बयान बदल दिया है। जो भी हो 24 घंटे तक जांच में पुलिस ने कभी बिल और E way बिल होने की बात नही बतायी और 48 घंटे बाद पोस्तु धुलाई को कानून सम्मत ठहराने लगी। सूत्रों के अनुसार पोस्तु ढुलाई कर्ता ने पूरे मामले को मैनेज करने का काम किया। वरीय अधिकारी जांच करें तो इस धंधे का पूरा जाल और तानाबाना उजागर हो जाय।