आदिवासियों का जिक्र आते ही जल-जंगल-जमीन की बात करने वाले एक मेहनतकश समाज की याद आती है, जो जमीन से जुड़ा है, और पर्यावरण संरक्षण की बातें करता है। लेकिन, ये आदिवासी भी अब नई तकनीक के साथ खुद को जोड़ रहे हैं, और उनका अपना न्यूज पोर्टल आदिवासी डॉट कॉम इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस पोर्टल के जरिए ना सिर्फ आपको आदिवासी समाज की गतिविधियों की जानकारी मिलती है, बल्कि यह पोर्टल समाज के मुद्दे भी उठा रहा है।
इस पोर्टल के संचालकों ने बताया कि इसे हिन्दी भाषा में रखने का मकसद अधिकतम लोगों को इस से जोड़ना है, क्योंकि संथाली व कुडमाली जैसी भाषाओं को बहुत कम लोग पढ़ते हैं।