अश्लील फिल्म निर्माण मामले में तीन महीने बाद राज कुंद्रा को जमानत

पॉर्नोग्राफी मामले में राज कुंद्रा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने कुंद्रा को तीन महीने बाद जमानत दी है। इससे पहले राज कुंद्रा ने कई बार जमानत की अपील की थी लेकिन राज कुंद्रा की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अश्लील फिल्म निर्माण मामले में राज कुंद्रा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने कुंद्रा को तीन महीने बाद जमानत दी है। इससे पहले राज कुंद्रा ने कई बार जमानत की अपील की थी लेकिन राज कुंद्रा की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को व्यवसायी राज कुंद्रा को अश्लील सामग्री मामले में जमानत दे दी। अदालत ने कुंद्रा से 50 हजार रुपये का मुचलका भरने को कहा है। राज कुंद्रा की एक कंपनी के आईटी हेड रेयान थोर्प को भी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत दे दी है। राज कुंद्रा और रयान थोर्प दोनों को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इस साल जुलाई में अश्लील सामग्री के उत्पादन और वितरण के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
यह मामला सबसे पहले इस साल फरवरी में मुंबई के मढ़ इलाके में एक बंगले पर छापेमारी के दौरान सामने आया था। अधिकारियों ने पाया था कि बंगले के अंदर अश्लील सामग्री शूट की जा रही थी। मामले की जांच में राज कुंद्रा के सहयोगी उमेश कामत को गिरफ्तार किया गया। मामले में शुरुआती चार्जशीट इस साल अप्रैल में नौ लोगों के खिलाफ दायर की गई थी।

अश्लील फिल्म मामले में आरोपी कारोबारी राज कुंद्रा ने अदालत में जमानत अर्जी दाखिल कर दावा किया कि उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है और मामले में दाखिल पूरक आरोप पत्र में कोई सबूत नहीं है जो कथित आपत्तिजनक फिल्म बनाने में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता को साबित करे। मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने कुंद्रा और तीन अन्य के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील (पोर्न) फिल्म बनाने और कुछ ऐप की मदद से प्रसारित करने के आरोप में हाल में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। इसके बाद आरोपी ने मेट्रोपोलिटन अदालत का रुख किया और तर्क दिया कि व्यवहारिक रूप से मामले की जांच हो चुकी है।
बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा को 19 जुलाई को गिफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस समय कुंद्रा न्यायिक हिरासत में हैं। अधिवक्ता प्रशांत पाटिल के जरिये दाखिल जमानत अर्जी में कुंद्रा ने दावा किया कि आज की तरीख तक अभियोजन के पास एक भी सबूत नहीं है जो ‘हॉटशॉट्स’ ऐप को कानून के आधार पर अपराध के साथ संबद्ध कर सके। अभियोजन के मुताबिक हॉटशॉट्स ऐप के जरिये आरोपी अश्लील सामग्री को अपलोड एवं स्ट्रीमिंग करता था।
जमानत अर्जी में यह भी कहा गया कि पूरे पूरक आरोप पत्र में एक भी आरोप मौजूदा आवेदक (कुंद्रा) के खिलाफ नहीं है जो इंगित करे कि वह किसी वीडियो की शूटिंग में सक्रिय रूप से शामिल थे। बल्कि यह कलाकार के विवेक पर है कि वह सामग्री ऐप पर अपलोड करे या नहीं करे। आवेदन में कहा गया कि शिकायत की सामग्री प्रथम दृष्टया कुंद्रा के खिलाफ किसी अपराध का खुलासा नहीं करती। अर्जी में दावा किया गया कि कुंद्रा को गलत तरीके से मामले में फंसाया गया। उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था लेकिन प्रतिवादी (पुलिस) ने उसका नाम जबरन मामले में खींचा। याचिका में कहा गया कि इसकी वजह एजेंसी ही बता सकती है लेकिन उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है। इसमें कहा गया कि जांच में साफ तौर पर दिखता है कि कुंद्रा का ‘आपत्तिजपक सामग्री’ बनाने के किसी भी अपराध में दूर-दूर तक संबंध नहीं है। अदालत कुंद्रा की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगी।

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