Jamshedpur: सरयू बनाम रघुवर दास -अभय सिंह के बीच चल रहा ओढ़ा- पाती का खेल

Jamshedpur,19 March : थमने का कोई माहौल नहीं बन रहा जमशेदपुर में सरयू बनाम रघुवर दास -अभय सिंह का आरोप – प्रत्यारोप और रस्साकशी को लेकर बने हालात का दौर । पूर्वी सिंहभूम विधानसभा क्षेत्र की जनता मुट्ठी में बंद मक्खी की दशा में फंसी भिनभिना ही सक रही है । जमशेदपुर कंपनी क्षेत्र के लिए जरूरी मुद्दे और गैर कंपनी क्षेत्र में व्याप्त जन समस्याएं यूं ही जनता को लपेटे और उत्तरोत्तर मुंह फैलाते खाद पानी पा रही हैं। युवाओं को रोजगार,आम जनता को चिकित्सा, विधि व्यवस्था-परिवहन- ट्रैफिक जाम,कोरोना इलाज का भय, सरकारी विपत्रों का भुगतान लंबित होने से बाज़ारों में संकट,योजनाओं पर रोक से कैश फ्लो की कमी, महंगाई डायन , प्रखंड और अंचल कार्यालयों व नगर निकाय से शहरी सुविधाओं की उपेक्षा , कोरोना में प्रभावित छात्रों की शिक्षा और बढ़ती आत्म हत्याओं जैसी बातों की ओर तो शायद नेता बोलना ही भूल गए हैं । ऐसा लगता है विरोधी दल सोचते हों कि बोल कर समस्याओं को क्यों उठाया जाय ,अलबत्ता और हालात बिगड़ने दिया जाय ताकि जनता से हराने का बदला लिया जा सके और अगले चुनाव में खैर ख्वाह बनने का दम्भ भरा जाय, जबकि सत्ता समर्थक इस मुगालते में पड़ गए हों कि मुंदहुँ आंख कतहु कछु नाहिं।



भाजपा के धनबाद प्रभारी और पूर्व झाविमो प्रत्याशी अभय सिंह तथा भाजपा महानगर अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी वाली रघुवर सरकार में पूर्व खाद्य मंत्री सरयू राय पर मुख्यतः विभागीय पत्रिका ‘ आहार’ के प्रकाशन में सरकारी राशि मे गबन करने की जांच कराने की मांग लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय में दिया। मतलब अपनी ही सरकार में गबन होने का उन्हें ज्ञान अब हुआ । भाजपा सरकार में गबन हुआ तो वह इसकी जवाबदेही से कैसे बच सकती है । फिर सरयू राय कहाँ चुप बैठने वाले ? मोदी लांड्री और शाह डिटर्जेंट से भी तत्कालीन झारखंड भाजपा सरकार के कथित पापों की सफाई नहीं होने का दावा करने और जनता के अबकी हराओ रघुवर मूड का लाभ लेने वाले श्री राय ने तत्काल बयान जारी कर इस आरोप प्रत्यारोप के बीच आग में और घी डाल दिया यह कहते हुए कि –

1.भाजपा के ताजातरीन नेता अभय सिंह द्वारा मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों के बारे में मुझे यही कहना है कि मैंने खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव एवं विभागीय सचिव अरुण कुमार सिंह से कह दिया है कि वे संबंधित फाइल आरोप लगाने वालों को बुलाकर दिखा दे। मैं जब इस विभाग का मंत्री था तब मैं ऐसे आरोपों पर संबंधित व्यक्ति को बुलाकर कहता था कि आप संबंधित फाइल देख लीजिए और संतुष्ट हो जाइए।

2.जब भी किसी अखबार में छपता है कि अभय सिंह ने एक सार्वजनिक शौचालय को अपने आवासीय मकान में मिला लिया है, उनकी मनःस्थिति ऐसी हो जाती है. वे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ करने लगते हैं. जिस पूर्व हो चुके नेता ने अभय सिंह एवं अन्य को मेरे विरुद्ध भड़का कर ऐसा आरोप लगवाया है, उसे खुद सामने आना चाहिए और जिस तरह से मैं कह रहा हूं कि संबंधित फाइल को मंत्री और सचिव आरोप लगाने वालों को दिखा दें उसी तरह उन्हें भी अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में ऐसा ही करने की हिम्मत दिखानी चाहिए.

3.अभय सिंह और उनके साथी विभागीय मंत्री और सचिव से संपर्क करें और झारखंड सरकार के सचिवालय जाकर संबंधित फाइल देख लें जिसके आधार पर वे मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं अन्यथा ऐसा घटिया आरोप लगाने के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें।

4.दूसरों के कंधा पर बन्दूक रख कर गोली दागने वाले डरपोक होते हैं, भयभीत रहते हैं. बहाना बनाकर भाजपा के भले कार्यकर्ताओं को ज्ञापन देने के लिए बुलाते हैं. संख्या बढ़ाते हैं. कार्यकर्ताओं से हकीकत छुपाते हैं.
इस प्रकार की कीचड़ उछालो राजनीति बंद कर जन समस्याओं और मुद्दों पर नेता बात करें तो शहर और विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं और उनके परिवार का भला होगा तथा जमशेदपुर सचमुच देश का एक अव्वल शहर होने की सार्थकता साबित कर सकेगा ।

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