किशनगंज। बिहार के किशनगंज के नगर थानाध्?यक्ष अश्वनी कुमार की जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने पीट-पीटकर हत्?या कर दी थी। इसका सदमा उनकी मां उर्मिला देवी बर्दाश्?त नहीं कर पाईं। रविवार की सुबह हृदयाघात से उनकी भी मौत हो गई। वे पहले से ही हृदय रोगी थीं, इस कारण उन्?हें बेटे की मौत के बारे में पहले नहीं बताया गया था। शनिवार की देर रात उन्हें इस घटना की सूचना मिली, इसके बाद रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई। आज सुबह गांव में हृदय विदारक माहौल था दो अर्थियां साथ साथ उठीं जिसे देखकर लोगों का दिल फट गया। 1994 बैच के पुलिस अधिकारी रहे अश्विनी कुमार का घर किशनगंज के आजाद चौक, पंचू मंडल टोला में है। वे लगभग दो वर्षों से किशनगंज में पदस्थापित थे। इस बीच बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्णिया के जोनल आइजी ने इंस्पेक्टर के साथ छोपमारी करने बंगाल गई पुलिस टीम में शामिल सर्किल इंस्?पेक्?टर सात पुलिसकर्मियों को कर्तव्?यहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया है।
सर्किल इंस्पेक्टर समेत सात पुलिस कर्मी निलंबित
टाउन थानाध्यक्ष की हत्या मामले में पूर्णिया के जोनल आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बड़ी कार्रवाई की है। छापेमारी टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाह मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। प्रथम दृष्टया लापरवाह मानते हुए सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत सात जवानों को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया गया है।
बेटी नैंसी ने कहा : पिता की हत्या एक गहरी साजिश
रविवार को नैंसी ने कहा कि उनके पिता की हत्या एक गहरी साजिश है। यह छापेमारी के दौरान अपराधियों द्वारा तुरंत हुई प्रतिक्रिया में हत्?या नहीं है। इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। इस मामले में स्थानीय पुलिस पर जरा भी भरोसा नहीं है।
शहीद थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की बेटी के अनुसार उनके पिता की हत्?या पुलिस ने ही एक बड़ी साजिश के तहत कराई है। इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। शहीद की बेटी को स्?थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है।