नई दिल्ली
आज भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी राम मनोहर लोहिया अस्पताल गए। पीएम मोदी ने वहां पर मरीज, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और गार्ड से बातचीत की। पीएम मोदी से बात करके जहां सभी लोग बेहद खुश हैं वहीं पीएम मोदी के नाराज होने की बात भी सामने आई। 100 करोड़वीं डोज लेने जब एक शख्स पहुंचा पीएम मोदी ने उनसे कुछ सवाल दाग दिए।
अरुण राय से की पीएम मोदी ने बातचीत
कोरोना वैक्सीनेशन का 100 करोड़वीं डोज लेने वाले शख्स अरुण राय रहे। जब उनको वैक्सीनेट किया जा रहा था तो अरुण राय के पास पीएम मोदी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने पूछा कि ये उनका पहला डोज है या दूसरा। जब उन्होंने बताया कि यह उनका पहला डोज है तो पीएम मोदी थोड़ा नाराज भी हुए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर अब तक उन्होंने वैक्सीन क्यों नहीं ली?
योग करता था तो लगा वैक्सीन की जरूरत नहीं होगी
पीएम मोदी के सवाल पर कुछ पलों के लिए वो झेंप गए और फिर कहा कि उनके मन में इसे लेकर पहले थोड़ा भ्रम था। उन्हें यह भी लगता था कि वह योग करते हैं, इसलिए उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो सकता। लेकिन जब उन्होंने देखा कि 70 करोड़ लोग वैक्सीनेशन करवा चुके हैं और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोविड-19 का टीका लगवाया है तो उन्होंने वैक्सीनेशन के बारे में सोचा। बाद में उन्होंने यह संकल्प लिया कि वह पहले व्यक्ति होंगे, जिन्हें 100 करोड़वीं डोज लगेगी। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को भागयशाली मानता हूं कि जब मैं टीका लगवा रहा था, प्रधानमंत्री मेरे बगल में खड़े रहे।’
पीएम मोदी ने की लाभार्थियों से बात
मोदी ने अस्पताल के अपने दौरे के दौरान लाभार्थियों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर टीका लगावाने पहुंची एक लाभार्थी से उसकी रुचियों के बारे में पूछा। लाभार्थी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि मेरे शौक क्या हैं और मैंने उनसे कहा कि मुझे गाना पसंद है, तो उन्होंने मुझसे किसी गाने की दो लाइन गाने को कहा जो मैंने किया।’ इस लाभार्थी की मां ने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री का हमसे मुलाकात करना एक सपने जैसा था।’
पीएम मोदी ने दिव्यांग कहकर दिया सम्मान
लाभार्थी की मां ने कहा, ‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) मुझसे पूछा कि मैं उसकी (अपनी बेटी) देखभाल कैसे करती हूं और उसके टीकाकरण में देरी क्यों हुई। उन्होंने मेरी बेटी से भी उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा। हमें एक ऐसे देश का नागरिक होने पर गर्व है जहां के प्रधानमंत्री इतने विनम्र हैं और जो लोगों से जुड़े हुए हैं।’वहीं, दिव्यांग अरुण राय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘दिव्यांग’ कहकर सम्मान प्रदान किया है।