भोपाल। जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत आदिवासी समुदाय की भाषा से की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। आजादी के इतने सालों तक आदिवासी नेताओं की उपेक्षा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आदिवासी समुदाय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनसे मिला प्यार और विश्वास हमें उनकी सेवा के लिए प्रेरणा देता है। इसी सेवा भाव से शिवराज सरकार ने राशन आपके ग्राम योजना शुरू करने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने जनजातीय समुदाय के हितों को सिकेल सेल मिशन प्रारंभ किया है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों की दी गई परंपरागत प्रस्तुति से अभिभूत होते हुए कहा कि इन गीतों में जीवन का वास्तविक तत्व ज्ञान समाया हुआ है जिनसे सुशिक्षित शहरी समुदाय भी बहुत कुछ सीख सकता है। प्रधानमंत्री ने कोरोना टीकाकरण हेतु आदिवासियों द्वारा दिखाए गए उत्साह की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदाय में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से न ई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उपयोगी बताते हुए कहा कि सरकार उनके विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में महारानी दुर्गावती, महारानी कमलापति और महाराणा प्रताप की शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी यशगाथाओं से नमी पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता है। इसी भावना से सरकार ने रांची में आदिवासियों के भगवान विरसा मुंडा का एक संग्रहालय बनाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की इस बात के लिए तीखी आलोचना की कि उन्होंने आदिवासियों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के प्रति हमेशा उदासीन बनी रहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में जिस उत्साह और उल्लास के साथ महात्मा गांधी जयंती, सरदार पटेल जयंती और अंबेडकर जयंती के आयोजन किए जाते हैं उसी तरह आगे आने वाले वर्षों में आदिवासियों के भगवान विरसा मुंडा की जयंती भी मनाई जाएगी।
पीएम मोदी की भाषण की मुख्य बातें
-जनजातीय समुदाय द्वारा हमें भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है। आपका यही प्यार हमें आपकी सेवा के लिए दिन रात एक करने के लिए प्रेरणा और ऊर्जा देता है।
-पूर्व में जनजातीय समुदाय के लिए जो करना चाहिए था, जितना चाहिए था और जब चाहिए था, नहीं किया गया। उनसे केवल वोट लिए गए। हमने उनके हितों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा।
-आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को हैरानी होती है।
-आजादी के अमृत महोत्सव में इस नए संकल्प के लिए मैं पूरे देश को बहुत बहुत बधाई देता हूं। मैं आज यहां मध्य प्रदेश के जनजातीय समाज का आभार भी व्यक्त करता हूं।
-इतने वर्षों तक जनजातीय क्षेत्रों की बहनों और बेटियों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता था। मुझे खुशी है कि मध्यप्रदेश में 30 लाख परिवारों को नल से जल मिलना शुरू हो गया है।