जमशेदपुर, 15 सितंबर (रिपोर्टर) : मौसम के बिगड़े तेवर के चलते कल देर रात से ही प्रधानमंत्री के जमशेदपुर आगमन के कार्यक्रम को लेकर पैदा हुई ऊहापोह की स्थिति अंतत: लगभग दिन में 11 बजे साफ हुई जब प्रधानमंत्री रांची से सडक़ मार्ग से जमशेदपुर के लिये निकल पड़े. यह पहला अवसर होगा जब कोई प्रधानमंत्री लगभग 125-130 किलोमीटर की यात्रा सडक़ मार्ग से पूरा करके जमशेदपुर पहुंचे. बिष्टुपुर वोल्टास गोलचक्कर से गोपाल मैदान तक लगभग डेढ़ किलोमीटर का रोड शो भारी तैयारियों और कठोर सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद नहीं हो सका लेकिन रांची से जमशेदपुर का प्रधानमंत्री का रोड शो आम राहगीर की तरह पूरा हुआ जब उनकी कारकेड में आधुनिक और आतंक निरोधी कोई भी गाड़ी नहीं थी. एक एम्बुलेंस सहित लगभग 22 इनोवा और फॉच्र्यूनर कारवाला प्रधानमंत्री का कारकेड रांची हवाई अड्डे से नामकुम, बुंडू, तमाड़, चौका, कांदरबेड़ा चौक, डोबो पुल से मेरिन ड्राइव होते हुए बिष्टुपुर रीगल मैदान सर्किट हाउस के रास्ते पहुंचा. प्रधानमंत्री सफेद रंग के फॉच्र्यूनर में आगे बैठे हाथ हिलाते हुए देखे जा रहे थे.
प्रधानमंत्री का कारकेड कितनी अफरा तफरी में तैयार हुआ होगा यह अनुमान लगाया जा सकता है. उनकी सुरक्षा इंतजमात और उनके मूवमेंट की गाडिय़ां दिल्ली से जमशेदपुर पहुंची थी. रांची से इस तरह उनके आने का शायद किसी को आभास नहीं था. कारकेड में एक एम्बुलेंस भी था, जो मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज द्वारा जिला प्रशासन को स्वास्थ्य सेवा हेतु प्रदान किया गया है. झारखंड में इससे ज्यादा भीड़भाड़ और सुविधावाला कारकेड मुख्यमंत्री का होता है. सबसे आगे रांची पुलिस का एक वाहन पायलट के रुप में चल रहा था.
प्रधानमंत्री की तय कार्यक्रम के प्रति इस प्रतिवद्धता ने लोगों का मन मोह लिया. रांची-टाटा सडक़ मार्ग पर वैसे कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी. हाईवे पर एक ओर से आम वाहनों का आनाजाना जारी था. चौराहों और रोड कट पर पुलिसवाले तैनात थे, ताकि कोई वाहन या दोपहिया सवार या यात्री रोड क्रॉस न कर सके. इसके विपरित वोल्टास बिल्डिंग से गोपाल मैदान रोड शो के लिये पिछले दो दिनों से ऐसा कड़ा इंतजाम किया गया था कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था. मौसम में इस रोड शो को भले ही रोक दिया, लेकिन रांची से टाटा के रोड शो ने बहुत व्यापक संदेश फैलाया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि खराब मौसम के चलते रांची से जमशेदपुर उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली. इसकारण उन्होंने सडक़ मार्ग से आने का निश्चय किया.
प्रधानमंत्री अपने निर्धारित समय पर ही रांची सुबह 9 बजे उतर गये. टाटानगर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेनों की रवानगी और आवास योजना के लाभुकों को चाबियां बांटने का कार्यक्रम किस प्रकार होगा, इसे लेकर संशय बना रहा. प्रधानमंत्री आएंगे नहीं आएंगे के बीच लगभग 10 बजे रांची से ही वर्चुअल झंडी दिखाने का कार्यक्रम करने की घोषणा हुई. इस बीच बारिश के बावजूद रेलवे स्टेशन पर दोनों कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये लोगों का तांता लगा रहा. दोनों कार्यक्रम वर्चुअल संपन्न हुए. भाजपा की ओर से लगभग 10 बजे से ही स्पष्ट कर दिया गया कि रोड शो का कार्यक्रम स्थगित होगा. लेकिन गोपाल मैदान के कार्यक्रम पर चुप्पी बनी रही. आरंभ में मैदान की स्थिति को देखते हुए लग रहा था कि शायद यह कार्यक्रम भी टल जाए, लेकिन 11 बजते बजते यह सूचना आ गई कि प्रधानमंत्री सडक़ मार्ग से आएंगे और जनसभा में शामिल होंगे. इसके बाद तो जैसे पीएम के समर्थकों में जोश आ गया और मैदान में भीड़ उमडऩे लगी. मैदान के बाहर भी सडक़ के चारों ओर छाता और रेनकोट में लोग उनकी एक झलक देखने के लिये इंतजार में खड़े रहे. यह नजारा देखकर प्रधानमंत्री भी काफी अभिभूत हुए और उन्होंने ट्वीट कर जमशेदपुर के लोगों को उनके प्रति प्यार बरसाने के लिये आभार जताया है, अपने ट्वीट में उन्होंने छाता लगाये खड़े लोगों की तस्वीरें पोस्ट की. गोपाल मैदान में पीएम ने लगभग 40 मिनट तक अपना वक्तव्य रखा. दर्शक दीर्घा में लगातार शोर-शराबा होता रहा. कुछ प्रेमियों ने उनकी तस्वीरें स्कैच कर बना लाई थी, जिसे वे लहरा रहे थे. पीएम बार बार उन्हें कह रहे थे कि उनका यह प्यार उन्हें पसंद आया और वे इन तस्वीरों को नीचे झुका लें, ताकि पीछे के लोगों को कोई असुविधा न हो. फिर भी कोई मानने को तैयार नहीं था.
गोपाल मैदान में चंपाई सोरेन की भी री-लांचिंग
पीएम ने स्टेज पहुंचते ही अपने अंदाज में वहां क्रम से खड़े झारखंड के नेताओं का हाथ जोडक़र आगे बढ़ते रहे. दूसरे छोर से पुन: लौटकर अपनी कुर्सी पर बैठने के क्रम में उन्होंने कदम पीछे किये और चंपाई सोरेन से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया. प्रधानमंत्री ने सबका अभिवादन किया जबकि चंपाई से खास तौर पर हाथ मिलाया. चंपाई सोरेन प्रधानमंत्री से बांये दूसरी कुर्सी पर बैठे थे. प्रधानमंत्री के ठीक बगल में उनसे पहले सांसद विद्युत वरण महतो थे. प्रधानमंत्री ने चंपाई सोरेन का नाम लेकर कहा कि झामुमो ने उन्हें अपमानित किया.