प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेटिकन सिटी पहुंचकर कैथोलिक क्रिश्चियन्स के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस और सेक्रेट्री ऑफ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मुलाकात की। पोप फ्रांसिस से मोदी की यह पहली मुलाकात थी।पोप ने कोरोना संक्रमण के दौरान दूसरे देशों की मदद करने पर भारत की तारीफ की। दोनों के बीच COVID-19 महामारी के बाद लोगों के सामने आई परेशानी पर बात हई। मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मसले पर भारत द्वारा लिए गए प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने पोप को बताया कि किस देश के नागरिकों को 1 बिलियन वैक्सीन डोज किस तरह लगाए गए।
जरूरी मसलों पर चर्चा हुई
प्रधानमंत्री ने पोप को भारत आने का न्योता दिया। दोनों के बीच जलवायु परिवर्तन, गरीबी हटाने और दुनिया को बेहतर बनाने को लेकर चर्चा हुई। पीएम मोदी और पोप के बीच 1 घंटे तक मुलाकात चली, जबकि मीटिंग का समय 20 मिनट ही तय किया गया था।
दोनों की मुलाकात कई मायनों में अहम रही। मोदी और पोप के बीच गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर चर्चा हुई।
दोनों की मुलाकात कई मायनों में अहम रही। मोदी और पोप के बीच गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर चर्चा हुई।
पोप से मुलाकात प्रधानमंत्री के ऑफिशियल शेड्यूल का हिस्सा नहीं थी, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत 3 राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी से एक दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पोप से मुलाकात की थी।
मैक्रों से अहम मुलाकात
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मोदी की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दोनों के बीच पिछले महीने ‘आकस’ (AUKUS) के मसले पर भी बातचीत हुई थी। हालांकि, तब ये बातचीत फोन पर हुई थी। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सबमरीन डील को लेकर काफी तनातनी हुई थी और इसका असर सीधे तौर पर कहीं न कहीं AUKUS पर होता नजर आ रहा था। हालांकि, फिलहाल जो बाइडेन और मैक्रों की बातचीत हो चुकी है और मामला ठंडा होता नजर आ रहा है।