वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक काशी विश्वनाथ धाम के कॉरिडोर बनाने वाले श्रमिकों से मिलने पहुंच गए। इनकी संख्या 50 से ज्यादा थी। सभी नए परिसर की सीढ़ियों पर बैठे थे। मोदी वहां पहुंचे और करीब 10 मिनट तक उन पर फूल बरसाते रहे। PM उनके साथ सीढ़ी पर ही बैठ गए। वे इस भव्य परिसर के निर्माण और जीर्णोद्धार में लगने वाले कारीगरों के साथ भोजन करते दिखे। मजदूरों पर पुष्पवर्षा, साथ में फोटो सेशन, अपने भाषण के दौरान उनका जिक्र और फिर भोजन करके उन्होंने जनमानस को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की। मजदूरों के बीच पुष्पवर्षा करने के बाद पीएम मोदी मजदूरों के बीच बैठे। फोटो सेशन होना था, लेकिन कुर्सियां बाधक बन रही थी। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को बोलकर कुर्सियों को हटवाया और इसके बाद फोटो सेशन पूरा हुआ।
पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि इस कार्य को पूरा करने वाले कारीगर उनके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, इस पूरे मामले को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कारीगर-मजदूरों के साथ भोजन कर उन्हें अपनी बराबरी का दर्जा देने की कोशिश की। वाराणसी से सांसद पीएम नरेंद्र मोदी के इस सत्कार और सम्मान से कारीगर और मजदूर भी गदगद दिखे। पीएम के साथ भोजन करने वाले श्रमिकों में कृष्णा दास, अनवर खान, मोहम्मद अजीज, राम कैलाश आदि उनके आसपास बैठे थे। हर किसी के चेहरे पर इस कार्य को तेज गति से पूरा कराए जाने को लेकर एक सुखद अनुभूति साफ नजर आ रही थी।
श्रमिकों के साथ खिंचाई फोटो
PM काफी देर तक श्रमिकों से बातचीत करते रहे। PM ने मजदूरों से विश्वनाथ धाम के निर्माण से जुड़े उनके अनुभव पूछे। इसके बाद उन्होंने बाबा का जयकारा लगाते हुए सभी के साथ फोटो खिंचाई। इस दौरान PM को अपने बीच पाकर मजदूर काफी खुश दिखे। मोदी ने सभी से बातचीत भी की। उनसे हाल-चाल पूछा और निर्माण कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।
24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज कुंभ आए थे। यहां PM मोदी ने सफाई कर्मियों के पैर धोए थे। PM मोदी ने कहा था, ‘सफाई कर्मियों के योगदान से कुंभ की पहचान स्वच्छ कुंभ के रूप में हुई। दिव्य कुंभ को भव्य कुंभ बनाने में सबसे बड़ा योगदान सफाई कर्मियों का रहा है। कुंभ में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा गया, ये बड़ी जिम्मेदारी थी। PM ने कहा कि सफाई कर्मियों ने अपने प्रयासों से कुंभ के विशाल क्षेत्र में साफ-सफाई को पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया।
800 करोड़ रुपए की लागत से हुआ जीर्णोद्धार
विश्वनाथ धाम को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इसमें श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्र को विकसित किया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल पहले लगभग 3,000 वर्ग फीट था। लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर के आसपास की 300 से ज्यादा इमारतों को खरीदा गया। इसके बाद 5 लाख वर्ग फीट से ज्यादा जमीन पर लगभग 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से निर्माण किया गया
8 मार्च 2019 को PM ने किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरुद्धार के लिए 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। तब से बाबा के धाम में श्रमिक विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे थे। हर मौसम में कॉरिडोर का निर्माण कार्य चलता रहा। कोरोना के दौरान भी कॉरिडोर का निर्माण बंद नहीं हुआ।