मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज बिहार की राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग बिहार में बदलाव नहीं ला पाए है. प्रशांत ने कहा, लालू का बिहार में 15 साल राज रहा है और नीतीश का 17 साल. लालू राज के बारे में कहा जाता है कि समाजिक न्याय का दौर था. नीतीश राज के बारे में कहा गया सुशासन है, विकास हुआ. इन दोनों के 30 साल के शासनकाल के बावजूद बिहार पिछड़ा है.
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, बिहार आज नीति आयोग समेत हर रिपोर्ट में हर क्षेत्र में गरीब, पिछड़ा है. बिहार को बदलना है. नयी सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं अभी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहा. लोग बिहार को समझते हैं बिहार की समस्या को समझते हैं उनको एकजुट करने की जरूरत है. बिहार की समस्या को जो लोग दूर कर सकते हैं उनके साथ काम करेंगे.
जरूरत हुई तो पार्टी बनाऊंगा- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, पिछले कुछ दिनों में मैं कई लोगों से मिला हूं और हम साथ मिलकर काम करेंगे. आम जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनना है. पार्टी बनाऊंगा भी तो वह सिर्फ मेरी पार्टी नहीं होगी जो लोग मेरे साथ जुड़ेंगे पार्टी उनकी होगी. एक ईंट मेरा होगा और एक ईंट उनका. उन्होंने कहा कि मैंने, 17-18 हजार लोगों को चिन्हित किया हैं जिनको जानकारी है कि बिहार की समस्या क्या है और कैसे बिहार को बदला जाएगा. इन सब को जरूरत हुई तो पार्टी बनाऊंगा.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, पटना में 2 साल पहले पीसी की थी. उस दौरान मैंने अपनी बात रखी थी. इसके बाद मैं 2 साल गायब हो गया लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. बिहार में सक्रिय रहना है. उन्होंने कहा कि उनका नीतीश से व्यक्तिगत कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने बताया, कुछ दिन पहले उनसे दिल्ली में मिला था. खबर आने लगी की मैं उनको राष्ट्रपति बना रहा हूं. यह सब गलत खबर है. नीतीश अपना काम कर रहे हैं मैं अपना काम बिहार के लिए करूंगा. 2 अक्टूबर से पश्चीम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे. कुल 3 हजार किलोमीटर पदयात्रा करूंगा. एक साल तक बिहार में घूमकर जनता की क्या उम्मीदें, आकांक्षाएं, समस्याएं समझी जाएंगी. बिहार को 10 साल के अंदर विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है.
तेजस्वी को काउंटर करने पर नहीं दूंगा ध्यान- प्रशांत किशोर
बिहार में जो काम करेगा जनता उसका साथ देगी. बिहार में पीएम मोदी के पास सबसे ज्यादा वोट हैं और ये वोट उनके काम के आधार पर हैं. उन्होंने कहा कि, मेरे कामकाज को जनता देखेगी और उस आधार पर मेरे को लेकर राय बनायेगी. वहीं, आखिर में उन्होंने कहा कि, 7 निश्चय योजना नीतीश की कितनी सफल हुई इसका जवाब उनको देना चाहिए. नीतीश से मेरे संबंध अच्छे हैं लेकिन उनसे अलग राय, विचारधारा मेरी हो सकती है. 17 साल से नीतीश सीएम हैं. उनके अनुभव का लाभ ले सकता हूं. बिहार को बदलने के लिये अपने प्रयास में कोई कमी नहीं रखूंगा. उन्होंने तेजस्वी यादव पर बात करते हुए कहा कि, मैं बिहार में शुरूआत कर रहा हूं और तेजस्वी को काउंटर कैसे करना है इस पर ध्यान मैं नहीं दूंगा.