Ranchi,25 March : क्या झारखंड पुलिस,ख़ुफ़िया विभाग ने अवैध फ़ोन टेपिंग के लिये 2018 में एक ऑफिस खोला था? क्या इसे बैजनाथ प्रसाद नामक निजी व्यक्ति चला रहा था ? इसे 3 डीएसपी-दीपक शर्मा,केके महतो,अनिल सिंह,8 कम्प्यूटर,8 टेक्नीशियन,गाड़ी, ड्राइवर,बडीगार्ड दिये गये थे.कौन है बैजनाथ प्रसाद ? किसके आदेश से खुला था ऑफिस?
विधायक सरयू राय ने यह सवाल एक ट्वीट के जरिये सार्वजनिक रूप से उठाया है। विदित हो इस काल मे झारखंड में भाजपा की सरकार थी । सरयू राय इसमें एक मंत्री थे लेकिन मुख्यमंत्री के साथ उनके उसके पहले से 36 का रिश्ता बन गया था। फ़ोन टैपिंग की जांच वर्तमान सरकार कर रही है जिसमे अभी कोई नतीजा सार्वजनिक नहीं किया गया है। फ़ोन टैपिंग निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है। खास मामलों में सक्षम पदाधिकारी की अनुमति और जानकारी में ही यह कार्रवाई करने का कानूनी प्रावधान होता है जिसके लिए अनेक प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ती हैं। इस कथित मामले में तो बाकायदा कार्यालय खोल कर यह काम किये जाने की शिकायत है . झारखंड की राज्य सभा सीट के लिए एक चुनाव में बाकायदा विधायक बाबू लाल मरांडी ने भी इस संबंध में शिकायत की थी । श्री मरांडी उस समय झाविमो प्रजातांत्रिक चलाते थे जो बाद में भाजपा में लौट आये हैं। उन्होंने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया था। फिलहाल यह अधिकारी बदले शासन में गर्दिश के दिन काट रहे सस्पेंड हैं।