नई दिल्ली पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी थमने का नाम नहीं ले रही। सरकारी तेल कंपनियों ने शनिवार यानी 23 जनवरी को लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा किया। इससे राजस्थान में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए के करीब पहुंच गईं। राजस्थान के गंगानगर में पेट्रोल की कीमत 97.50 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है, जो देश में सबसे ज्यादा है। भोपाल में पेट्रोल 93.56 रुपए और मुंबई में यह 92.28 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। जनवरी में अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 8 बार बढ़ोतरी हो चुकी है।
उधर, दिल्ली में 23 जनवरी को पेट्रोल 85.70 रु. और डीजल 75.88 रु. प्रति लीटर पर पहुंच गया है। डीजल की कीमतों में 26 पैसे और पेट्रोल की कीमतों में 25 पैसे प्रति लीटर तक का इजाफा हुआ है।
इसके पहले शुक्रवार को भी डीजल-पेट्रोल की कीमतें ब?ी थीं।
जनवरी में अब तक पेट्रोल 1.99 और डीजल 2.01 रु./लीटर महंगा हुआ
जनवरी में अब तक 8 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 1.99 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया। वहीं अगर डीजल की बात करें तो इसकी कीमत में इस महीने अब तक तक 2.01 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। 7 दिसंबर को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 83.71 रुपए और डीजल 73.87 रुपए/लीटर पर बिक रहा था। इसके बाद 29 दिनों तक इनके दाम नहीं बढेे। 6 जनवरी को इस महीने पहली बार इनके दाम बढाए गए थे।
6 मई को सरकार ने बढाई थी एक्साइज ड्यूटी
कोरोनाकाल में जारी लॉकडाउन के बीच सरकार ने 6 मई 2020 को पेट्रोल पर 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। हालांकि तक सरकार ने कहा था कि इस बढ़ोत्तरी का असर आम आदमी की जेब पर नहीं पड़ेगा। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल पर बढ़ी हुई ड्यूटी को वहन करेंगी। हालांकि 6 मई से अब तक
राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 71.26 से 85.70 रुपए प्रति लीटर पर आ गया है। वहीं डीजल जो 6 मई को 69.39 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा अब 75.88 रुपए पर आ गया है।
टैक्स के बाद पेट्रोल हो जाता है 3 गुना महंगा
इसको समझने के लिए पहले ये समझना जरूरी है कि कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल पंप तक कैसे पहुंचता है। पहले कच्चा तेल बाहर से आता है। वो रिफायनरी में जाता है, जहां से पेट्रोल और डीजल निकाला जाता है। इसके बाद ये तेल कंपनियों के पास जाता है। तेल कंपनियां अपना मुनाफा बनाती हैं और पेट्रोल पंप तक पहुंचाती हैं। पेट्रोल पंप पर आने के बाद पेट्रोल पंप का मालिक अपना कमीशन जोड़ता है। ये कमीशन तेल कंपनियां ही तय करती हैं। उसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से जो टैक्स तय होता है, वो जोड़ा जाता है। उसके बाद सारा कमीशन, टैक्स जोडऩे के बाद पेट्रोल और डीजल हम तक आता है।