नई दिल्ली 4 अगस्त कच्चे तेल के दामों में पिछले कुछ महीनों में कमी के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने आम लोगों को पेट्रोल डीजल के दामों में कमी कर कोई राहत नहीं दी है. इसके बावजूद पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि ग्लोबल एनर्जी मार्केट में उठापटक के बावजूद भारत ने पेट्रोल डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को अफोर्डेबल रखा है. पड़ोसी देशों के अलावा कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के मुकाबले पिछले दो वर्ष में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई है.
जब पेट्रोलियम मंत्री से सवाल किया गया क्या सरकार पेट्रोलियम पदार्तों की कीमतों में कटौती करने की योजना बना रही है क्योंकि एक साल से अधिक समय से रूस से उसे सस्ती कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा है? ते पेट्रोलियम मंत्री ने इस प्रश्न का सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि छूट अभी उतनी नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा, कि शुरुआत में अच्छी छूट थी पर उन्होंने कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी और अब छूट उतनी नहीं रह गई है.
हरदीप पुरी ने कहा कि जून 2021 और जून 2023 के बीच भारत में पेट्रोल की कीमतों में 2.36 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि इस अवधि के दौरान पाकिस्तान में 50.83 फीसदी, बांग्लादेश में 30.11 फीसदी, श्रीलंका में 79.61 फीसदी और नेपाल में 42.39 फीसदी ईंधन के दाम बढ़े हैं. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़ों का हवाला देते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि इस अवधि के दौरान अमेरिका में पेट्रोल की कीमतों में 30.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि फ्रांस में 22.67 फीसदी, जर्मनी में 19.08 फीसदी, इटली में 14.68 फीसदी, स्पेन में 17 फीसदी, ब्रिटेन में 10.93 फीसदी और कनाडा में 24.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हालात पर नजर बनाये हुए थे और दो मौकों नवंबर 2021 और मई 2022 में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी कर आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत दी थी. विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि तब बीजेपी शासित राज्यों ने भी वैट में फौरन कमी का फैसला लिया था जबकि जो लोग महंगे पेट्रोल डीजल को लेकर बोलते रहते हैं उन्होंने अपने राज्यों में वैट में कमी नहीं की. हरदीप पुरी ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले पेट्रोल और डीजल की कीमत अधिक है.
महंगे पेट्रोल डीजल पर विपक्ष के मोदी सरकार पर हमला बोलने पर सवाल उठाते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि जुलाई में बीजेपी शासित असम की गुवाहाटी में पेट्रोल की कीमत 98.03 रुपये प्रति लीटर थी. जबकि टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कीमत 106.03 रुपये थी. उन्होंने कहा कि लखनऊ में पेट्रोल 96.57 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि बेंगलुरु में कीमत 101.94 रुपये थी.
पेट्रोलियम मंत्रालय के इन बयानों के संकेत साफ है कि पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की फिलहाल कोई संभावना नहीं है भले ही सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर 8 से 10 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा हो.